नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना | Khafa shayari

नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना ( Nahi dil tu kabhi apna khafa rakhna )    नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना मुहब्बत का हमेशा वास्ता...

उल्फ़त में | Ghazal ulfat mein

उल्फ़त में ( Ulfat mein )   उल्फ़त में  ऐ यार किसी की ऐसा लूटे है क्या हाल सुनाये इतना अंदर से टूटे है  क्या है तेरा मेरा रिश्ता...

समुन्दर खुमार का | Ghazal samundar khumar ka

समुन्दर खुमार का ( Samundar khumar ka )   पलकों पे छुपा है जैसे कुछ,समुन्दर खुमार का। कितना अजब नशा है दिलवर के, इन्तजार का।   ख्वाबों में माँगते है...

दादा जी | Dada ji par Shayari

दादा जी ( Dada JI )   यहां तो दादा जी रकीब है नहीं कोई अपना हबीब है   रवानी ख़ुशी की कैसे हो फ़िर ख़ुशी जिंदगी से सलीब है   घरों में ...

दिल से जाये नहीं प्यार मैं क्या करुं | Ghazal

दिल से जाये नहीं प्यार मैं क्या करुं ( Dil se jaye nahi pyar main kya karoon )    दिल से जाये नहीं प्यार मैं क्या करुं हिज्र ...

मुझको मेरी ज़मीं पे रहने दो | Ghazal

मुझको मेरी ज़मीं पे रहने दो ( Mujhko meri zameen pe rehne do )    'हाँ मैं हूँ' इस यकीं पे रहने दो। मुझको मेरी ज़मीं पे रहने...

सपने में इक चेहरा आया | Ghazal

सपने में इक चेहरा आया ( Sapne mein ek chehra aya )    सपने में इक चेहरा आया कोई बिछड़ा अपना आया  बात करेगा क्या उल्फ़त की करने वो बस...

बज़्म में ऐसा ख़ूब हुआ | Bazm Shayari

बज़्म में ऐसा ख़ूब हुआ ( Bazm me aisa khoob hua )    बज़्म में ऐसा ख़ूब हुआ शे'र पे चर्चा ख़ूब हुआकैसे उससे मिलना हो घर पर पहरा...

रोज हंगामा होता ख़ूब | Ghazal

रोज हंगामा होता ख़ूब ( Roj hungama hota khoob )    रोज  हंगामा  होता  ख़ूबग़ज़लों पर है चर्चा ख़ूब  कैसे मिलनें जाऊं उससे गलियों में है पहरा ख़ूब  कल तक...

रोज़ भीगी है आंखें | Sad shayari

रोज़ भीगी है आंखें नमी में बहुत ( Roz bheegi hai aankhen nami mein bahut )   रोज़ भीगी है आँखें नमी में बहुत खा गया हूँ दग़ा...