शंख नाद

शंख नाद | Kavita Shankh Naad

शंख नाद ( Shankh Naad ) माताओं, बहनों, बालाओं, तैयार हो जाओ ललनाओं, अब गूंज उठा है शंख नाद, हथियार उठाओ ललनाओं, मांगा अधिकार गगन मांगी, जब उफ है किया देहरी लांघी, फिर सबल भी कंधों को कर लो, अब अबला मत कहलाओ, अब गूंज उठा है शंख नाद, हथियार उठाओ ललनाओं, सदियों से बनी…

Kya Tum Kabhi

क्या तुम कभी | Kavita Kya Tum Kabhi

क्या तुम कभी? ( Kya tum Kabhi ) हाँ, तुम मुझे जानते हो…, पर अगर प्रश्न करूँ, कितना जानते हो…? तुम अनमने से हो जाते हो, बहुत सोचते हो, पर जवाब क्या है? कुछ आदतों को बताते हो, पर स्त्रीत्व को नहीं समझ पाते हो। एकांत क्या है, यह स्त्री से पूछो। आदतों और व्यवहार…

श्री मज्जयाचार्य जी का 144 वां प्रयाण दिवस

श्री मज्जयाचार्य जी का 144 वां प्रयाण दिवस

श्री मज्जयाचार्य जी का 144 वां प्रयाण दिवस तेरापंथ के गणमाली , महानता के आसन पर आसीन , विनय शिरोमणी , भव्य आत्माओ के भीतर संयम का दीप जलाने वाले , अध्यात्म तत्व वेता , समत्व योग के मूर्तिमान आदर्श श्री मज्जयाचार्य जी के चरणो में मेरा शत्-शत् वन्दन ! आज के इस अवसर पर…

याद शहीदों की

याद शहीदों की | Kavita Yaad Shahidon Ki

याद शहीदों की ( Yaad Shahidon Ki ) महा-समर में भारत के वीरों ने , प्राणों की भेंट अपनी चढ़ाई है बलिदानी हुए हैं सभी वो वीर , जिन्होंने सीने पर गोली खाई हैं।। पन्द्रह-अगस्त के दिन हम सब, देश की आजादी-पर्व मनाते हैं। जन-गण-मन राष्ट्र-गान गाकर, हम ध्वज हम अपना फहराते है।। भारत की…

आगे से | Kavita Aage Se

आगे से | Kavita Aage Se

आगे से ( Aage Se ) वचन लिया हमने भइया से, कच्चे सूत के धागे से, करो हमारी रक्षा भईया, बढ़कर तुम ही आगे से, देखो डिग ना जाना भाई, तुम अपने इस वादे से, इल्ज़ाम न लेना सिर कोई, वचन निभाना आगे से, भाई-बहना के बीच भले, तकरार कोई भी हो जाए, अहंकार मत…

आया रक्षाबंधन का पर्व | Kavita Aaya Rakshabandhan ka Parv

आया रक्षाबंधन का पर्व | Kavita Aaya Rakshabandhan ka Parv

आया रक्षाबंधन का पर्व ( Rakshabandhan ka Parv ) आया सावन का महीना राखी बांधने आई प्यारी बहना सावन की मस्ती भरी फुहार मधुर संगीत गुनगुनाती मेघो की ढोल ताप पर मां वसुंधरा भी मुस्काती तोड़े से भी ना टूटे जो ये ऐसा मन का बंधन ऐसे प्यारे बंधन को दुनिया कहती रक्षाबंधन तुम भी…

डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की कविताएं | Dr. Ritu Sharma Pandey Poetry

डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की कविताएं | Dr. Ritu Sharma Pandey Poetry

स्त्री चूल्हा मिट्टी का हो या गैस का रोटी बनाते समय उँगलियाँ मेरी ही जली है जली उँगलियों के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए तुम्हारी स्वादिष्ट थाली मैंने ही हमेशा सजाई है जब जाते तुम काम पर सारे दिन की थकान भूला शाम को दरवाज़े पर मेरी ही निगाहें तुम्हें खोजती हैं गर्भ धारण से…

Poem on Raksha Bandhan in Hindi

बहना | Kavita Bahna

बहना ( Bahna ) जीवन को महकाती बहना हर ग़म को सह जाती बहना । मां की ममता स्नेह पिता का सब हम पर बरसाती बहना ।।१। गोद लिए टहलाती बहना अक्षर ज्ञान कराती बहना । डगमग करते पाँव कभी तो उँगली पकड़ चलाती बहना ।।२। गलती पर गुर्राती बहना प्रेम सहित समझाती बहना ।…

Raksha Bandhan Kavita in Hindi

रेशम धागा पहन कर

रेशम धागा पहन कर पांच बहनो का भईया सजता धजता आज, रेशमी धागा पहन कर ,करता कितना नाज। बचपन की खुशबू भरी,बिखराए सरस धार, पावन सावन पूर्णिमा,नित रक्षा हो हर काज।।1। रिश्तों का बंधन पावन,छलकाता उर प्यार, कच्चे धागे में दिखता, खुशियॉ अपरम्पार। चावल रोली थाली रख, बहना है तैयार, भईया गेह खुशहाल हो,लगे उमर…

संजय जैन की कविताएं | Sanjay Jain Poetry

संजय जैन की कविताएं | Sanjay Jain Poetry

स्वयं का जन्म दिन खुदका जन्म दिन मनाना रहा हूँ।देखो दुनियां वालो तुम।कितना हर्षित और प्रफुल्लित हूँ।अपने इस जन्म दिन पर मैं।। एक वर्ष और कम हो गया।अपनी आयु के वर्षो में से।फिर भी देखो कितना खुश हूँ।अपनी घटती हुई उम्र पर मैं।। खुश नसीब मानता हूँ खुदको।इसलिए आया दुनियां में।कर्मो के बंधन के कारण…