राखी का त्यौहार

राखी का त्यौहार निराला | Rakhi ka Tyohar Nirala

राखी का त्यौहार निराला ( Rakhi ka Tyohar Nirala ) राखी का त्यौहार निराला ,जाने ये संसार। सावन की है देख पूर्णिमा ,आनंदित परिवार।। माथे तिलक लगाकर भाई ,बहना चूमे माथ। बाँध कलाई रक्षा बंधन,पाती उसका साथ।। रक्षा बंधन सूत्र नेह का ,पावन होती डोर। वचन भ्रातृ रक्षा का देता ,होकर भाव विभोर। रंग बिरंगी…

करो जन गण मन का गान

करो जन गण मन का गान

करो जन गण मन का गान देश हमारा शरीर है तिरंगा मेरी जान बुरा लब्ज जो बोलेगा हर लूंगा उनका प्राण करो जन गन मन का गान । मेरी सहिष्णुता को समझते आया है निर्बल काया , अब तक तो हम सबको था भाईचारे का माया उनको भी न देना है अब थोड़ा-सा सम्मान करो…

Pyara Tiranga

तिरंगा हमारी आन बान व शान है

तिरंगा हमारी आन बान व शान है तिरंगा हमारी आन बान व शान है। अपने देश के प्रति हमें अभिमान है। जो कहीं देखने को भी नहीं मिलती, हमारे पास वह संस्कृति की खान है। तिरंगा हमारी आन बान व शान है-1 परंपरा और इतिहास देश की शान है । आज़ादी के लिए शहीदों ने…

Bharat par kavita

नवनिर्माण | Kavita Navanirman

नवनिर्माण ( Navanirman ) बीती बातें भूले हम सब, आओ नवनिर्माण करें। नवल रचें इतिहास पुनः अब , जन-जन का कल्याण करें।। रहे मीत सच्चाई के हम , झूठों से मुख मोड़ चलें। निश्छलता हो प्रेम सुधा रस , भेद-भाव को छोड़ चलें।। सबक सिखा कर जयचंदो को, हर दुख का परित्राण करें। बने तिरंगे…

Watan shayari

मेरा वतन मेरी चाहत | Mera Watan Meri Chahat

मेरा वतन मेरी चाहत ( Mera Watan Meri Chahat ) मेरा देश मेरा वतन तुझे नमन ए मेरे वतन हम फूल तू है चमन तुझसे ही है यह तन मन। आंख जो कोई उठाएं आग दरिया में लगाएं दुश्मन को सीमा पार भगाएं तिरंगे को चारों दिशाओं में फहराएं। तेरी खातिर सैकड़ों मर भी जाएं…

सावन में राखी आती | Kavita Sawan Mein Rakhi Aati

सावन में राखी आती | Kavita Sawan Mein Rakhi Aati

सावन में राखी आती ( Sawan Mein Rakhi Aati ) हर सावन में आती राखी। बहिना से मिलवाती राखी। बहिन-भाई का अनोखा रिश्ता। बना रहे ये बंधन हमेशा।। जो भूले से भी ना भूले। बचपन की वो सब यादे। बहिन-भाई का अटूट प्रेम। सब कुछ याद दिलाती राखी।। भाई बहिन का पवित्र रिश्ता। हर घर…

मृत्यु तुल्य विश्वास | Kavita Mrityu Tulya Vishwas

मृत्यु तुल्य विश्वास | Kavita Mrityu Tulya Vishwas

मृत्यु तुल्य विश्वास ( Mrityu Tulya Vishwas ) मृत्यु तुल्य विश्वास पड़ा है ,संजीवन पिलवाओ । रजनी के माथे पर कोई ,फिर बिंदिया चमकाओ।। तुम्हीं शिवा राणा लक्ष्मी हो ,और जवाहर गाँधी । तुमने ही मोड़ी थी बढ़कर ,काल चक्र की आँधी । अर्जुन जैसा आज यहाँ पर , तुम गाण्डीव उठाओ ।। मृत्यु तुल्य…

Bharat Desh par Kavita

मेरा वतन है जग से न्यारा

मेरा वतन है जग से न्यारा मेरा वतन है जग से न्यारा, जमीं पे जन्नत से कम नही।। गंगा, पर्वत झरने, उपवन, हर लेते ये बरबस ही मन, राजा हो या फिर वनवासी, अलग अलग है भाषा भाषी, सूरज चाँद सितारे मिलकर, होने देते कभी भी तम नहीं।। मेरा वतन है जग से न्यारा, जमीं…

इश्क़ जुगनू-सा | Ishq Jugnu sa

इश्क़ जुगनू-सा | Ishq Jugnu sa

इश्क़ जुगनू-सा ( Ishq Jugnu sa ) जीवन के अंधियारे तिमिर में तुम जुगनू की तरह टिमटिमाये पल भर-प्रेम का दीवा जलाकर फिर कुहासा छाये जलते-बुझते जुगनुओं-सा नेह तुम्हारा पलता है ना आता है ना जाता है बस हल्का-सा स्पंदन देता है। जुगनू जैसे– जलता-बुझता वैसा तुम्हारा प्रेम दिखता है और— वैसे ही तुम भी…

15 अगस्त (कविता)

मेरा जिगर तिरंगा | Mera Jigar Tiranga

मेरा जिगर तिरंगा ! ( Mera jigar tiranga ) मेरा अमर तिरंगा है, मेरा जिगर तिरंगा है। रग – रग में यही बसता, ऐसा ये तिरंगा है। मेरी आन तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है, कोई दुश्मन देखे इसे, दहलाता तिरंगा है। तेरा भी तिरंगा है, मेरा भी तिरंगा है, तू नजर उठा के देख,…