शेर सिंह हुंकार की कविताएं | Sher Singh Hunkaar Poetry
होली फागुन के दिन थोडे रह गये, मन मे उडे उमंग।काम काज मे मन नही लागे, चढा श्याम दा रंग। नयन से नैन मिला लो हमसे, बिना पलक झपकाए।जिसका पहले पलक झपक जाए, उसको रंग लगाए॥ बरसाने मे राधा नाचे गोकुल मे श्रीश्याम।सीता के संग होली खेले,अवध मे राजा राम॥ काशी मे होली के रंग…