नव वर्ष 2021 की शुभ कामनाएं

नव वर्ष 2021 की शुभ कामनाएं

नव वर्ष 2021 की शुभ कामनाएं   नव वर्ष 2021 शुभ कामनाएं हैं शुभ कामनाएं,  ऐ नूतन वर्ष दो हजार इक्कीस। तेरा आना मंगलकारी हो, समृद्धिशाली हो, प्रकाशीय हो,। प्रशंसनीय हो, स्वास्थ्य वर्धनीय हो। स्वागत है स्वागत है खुशियां मनायें।। शुभकामनाएं हैं ०।।,   बीतते वर्ष की तमता न दिखे, कोरोना रोग की रुग्णता न…

नव वर्ष 2021

नव वर्ष 2021

नव वर्ष 2021     –> नये साल 2021 की सब अपनों को, पहुँचे ढ़ेरों बधाई     1.जैसा गुजरा अच्छा गुजरा, अब देना है विदाई | हम सब मिलकर करते हैं, 2020 से आज जुदाई |     याद रहेगा अनंत काल तक, कोरोना ने फैलाई चटाई | विदा करो बड़ी धूम-धाम से, मत…

2020 पर एक एक नजर

2020 पर एक एक नजर

2020 पर एक एक नजर   2020 था विष का थैला, कोरोना  का था बोलबाला, दुनिया में मचाया हाहाकार, घर-घर मचा दिया कोहराम, सब पर हो गया है भारी, बना दिया है सबको भिखारी, रोजी बची न रोटी,  गरीब मरे, बिन रोटी, कोरोना भैया आए, दूर-दूर सबको भगाए, पति ,पत्नी से, पिता ,पुत्र से, प्रेमी,…

इजाजत् मिले तो

इजाजत् मिले तो

इजाजत् मिले तो   –>इजाजत मिले जो मुझे, मेहबूब की नजर से || 1.मैं चाँद तोड़ लाऊँ, जुगनू को साथ ले कर | तारों को भी ले आऊँ, मुस्कान तेरी कह कर | रुख मोड दूँ हवा का, जब-जब तू मुस्कुराये | बादल हो जाएं घनेरे, तेरी जुल्फ जो लहराये | –>इजाजत मिल जोे मुझे,…

नया साल : नयी आशाएं

नया साल : नयी आशाएं

नया साल : नयी आशाएं ******* बीता यह वर्ष रे आया नववर्ष रे! झूमो ओ काका झूमो रे काकी रात अंतिम यह बाकी? नाचो ए बबलू नाचो ए बबली गाओ ना भैया गाओ ना भाभी बजाओ सब ताली सजाओ जी थाली? छोड़ो पटाखा करो धूम धड़ाका थिरकना जरा सा डिस्को जरा सा! है रात मतवाली…

मैं चाहता हूं

मैं चाहता हूं

मैं चाहता हूं   मैं चाहता हूं तुम्हारे हृदय में दो इंच ज़मीन जहाँ तुम रख सको मुझे विरासत की तरह सम्भाल कर पीढ़ियों तक बिना गवाएँ एक इंच भी……. बस तुम इतना कर लेना ज़मीन की तरह मुझ में बोते रहना अपने प्रेम का अंकुर और देखते रहना अपलक बढ़ते हुए……!!   ? कवि : सन्दीप…

रब की अदालत

रब की अदालत

रब की अदालत   1. वो मजलूमों को बेघर कर बनाया था अलीशां मकां यहां, गरीब,लचारों की बद्दुवा कबूल हो गई रब की अदालत में वहां अब बरस रहा बद्दुवाओं का कहर देखो , जमींदोज हो रहा अलीशां मकां यहां। 2.     हुआ घमंड जब-जब वो गिराते रहे बार-बार, हुआ तालीम, परोपकार जब-जब उन्हीं दुवाओं…

चाय

चाय

चाय ** अच्छी मीठी फीकी ग्रीन काली लाल कड़क मसालेदार होती है, नींबू वाली, धीमी आंच वाली, दूध वाली, मलाई और बिना मलाई की, लौंग इलायची अदरक वाली भी होती है। मौसम और मूड के अनुसार- लोग फरमाइश करते हैं, तो कुछ डाक्टरों की सलाह पर- मन मारकर फीकी ही पीने को विवश हैं। यह…

किताबें

किताबें

किताबें *** खाली अलमारियों को किताबों से भर दो, बैठो कभी तन्हा तो निकाल कर पढ़ लो। हो मन उदास तो- उठा लो कोई गीत गजल या चुटकुले कहानियों की किताब, पढ़कर भगा लो अवसाद। ये जीवनसाथी हैं, दोस्त हैं। दवा हैं, मार्गदर्शक हैं। समय समय पर उन्हें निहारो, समझो परखो विचारो। गूढ़ बात अपना…

माता-पिता और हम

माता-पिता और हम

माता-पिता और हम   ->पिता जडें-माँ वृक्ष, तो हम फल फूल पत्ते हैं || 1.लंम्बा रास्ता-लंम्बा सफर, मुसाफिर हम कच्चे हैं | नहीं है अनुभव नई राहों का, अभी तो हम बच्चे हैं | चले अकेले बिना तजुर्बे, पग-पग मे बस धक्के हैं | पिता रास्ता-माँ सफर है, तो हम मुसाफिर अच्छे हैं | –>पिता…