पेड़

पेड़

पेड़ ?   पत्र पुष्प फलादि माया कौन देता। पेड़ न होते तो छाया कौन देता।।   बगीचों को काट रेगिस्तान न कर, प्राण वायु जो खपाया कौन देता।।   पेड़ों में भी जान है जहान भी है, चूल्हे में लकड़ी लगाया कौन देता।   “दसपुत्र समद्रुमः”शेष बतलाते हो, औषधी जीवन बचाया कौन देता।  …

जीवन का आनंद (दोहे)

जीवन का आनंद (दोहे)

जीवन का आनंद **** (मंजूर के दोहे) १) उठाओ पल पल जग में, जीवन का आनंद। चिंता व्यर्थ की त्यागें, रहें सदा सानंद।।   २) खुशी खुशी जो बीत गए,क्षण वही अमृत जान। बिना पक्ष और भेद किए,आओ सबके काम।।   ३) यह आनंद जीवन का, कस्तूरी के समान। साथ रहे व संग चले, कठिन…

आदमी की पहचान!

आदमी की पहचान!

आदमी की पहचान! ***** नहीं है आसान आदमी की पहचान! भाल पर नहीं उसके कोई निशान कहने को तो साथ खड़ा है दिख भी रहा है पर दरअसल वह गिरने का इंतजार कर रहा है गिरने पर उठाने का प्रयास नहीं करता, एक ठोकर मार आगे है बढ़ता! आपके खड़े होने से उसे ईर्ष्या है,…

नज़र

नज़र

नज़र ** नज़र लगी है उसको किसकी? मिटी भूख प्यास है उसकी। हरदम रहती सिसकी सिसकी, नज़र से उसके लहू टपकती। ना कभी हंसती, ना कभी गाती, विरह की अग्नि उसे जलाती। ना कुछ किसी से कहती, चेहरे पे छाई उदासी रहती। बातें करती कभी बड़ी-बड़ी, चांद तारों की लगाती झड़ी। ओ बावरी! कौन है…

साथ

साथ

साथ * कहते हैं वो हम साथ हैं साथ हैं ? तो कहने की क्या बात है? साथ! एक एहसास है। जो न आपके न मेरे पास है! फिर कहिए कौन किसके साथ है? एहसास ही जज़्बात है जहां जज़्बात है वहीं साथ हैं बाकी सब बात है। और , बात की क्या औकात है?…

टीआरपी का खेल!

टीआरपी का खेल!

टीआरपी का खेल! ( व्यंग्य ) ***** टीआरपी के खेल में अबकी धरे गए हैं भैया, देखना है अब कैसे उन्हें बचाते हैं सैंया? चिल्ला चिल्ला कर तीन माह से- बांट रहे थे इंसाफ! हाईकोर्ट ने पल में मिला दिया उसे खाक। कह दिया रिया ‘ड्रग सिंडिकेट’ का हिस्सा नहीं, बनाओ स्वामी कहानी कोई और…

सिंदूर दान

सिंदूर दान

सिंदूर दान   रक्त वर्ण सुवर्ण भाल कपाल का श्रृंगार है यह। ये मेरा सिंदूर है भरपूर है संस्कार है यह।।   तुम न होते मैं न होती कौन होता, फिर जगत में कुछ न रहता शून्य होता, पर हमारे प्रणय पथ के प्रण का मूलाधार है यह।।ये मेरा०   सप्तफेरी प्रतिज्ञा जब प्रकृति में…

टी.आर.पी.के चक्कर में

टी.आर.पी. के चक्कर में

टी.आर.पी. के चक्कर में ****** आजकल चैनलों पर न्यूज की जगह डिबेट आ रह रहे हैं, बहुत लोग अब टी.वी देखने से घबरा रहे हैं। जनता के सरोकार वाली खबरों की जगह- नफरत और हिंसा बढ़ाने वाले टॉपिक डिबेट में छा रहे हैं, टी.वी वाले एंकर एक तरह से जनता को उकसा रहे हैं। चीख-चीख…

सिंदूर

सिंदूर

सिंदूर   वक्त की चकाचौंधी इतनी भी मंजूर न कर। तेरा सिंदूर हूं तूं सर मुझे दूर न कर।।   दीखता चुटकियों में हूं मगर विशाल हूं मै, हर एक रंग समेटे हुये पर लाल हूं मै।, तेरा श्रृंगार हूं तूं कांच जैसे चूर न कर।।तेरा सिंदूर ०   नीले गगन मे सूर्य की चमक…

तारक मेहता का उल्टा चश्मा

तारक मेहता का उल्टा चश्मा

तारक मेहता का उल्टा चश्मा °°°°°° –> ऐपिसोड हुए 3000 अभी, आगे भी होने बांकी हैं |?|   1.निश दिन नूतन संदेशा लाते, खुद हँसते और हंसाते हैं |   अलग-अलग है कल्चर फिर भी, संग-संग रोते-गाते हैं |   गोकुल धाम केे सब हीरे-मोती, एक धागे मे पिरोये हैं |   उदासी मे खुशियां…