phaltoo

फालतू की राय

“पिताजी, मैं ग्रीन सिटी के बराबर में जहाँ पर प्लॉटिंग हो रही है, वहाँ एक प्लॉट लेना चाहता हूँ। आपकी इस बारे में क्या राय है? क्या मेरा वहाँ प्लॉट लेना ठीक रहेगा?”मोहित ने अपने एडवोकेट पिता नरेश जी के ऑफिस में घुसते हुए पूछा। “ठीक है। ले लो। कोई दिक्कत नहीं।”अपने वकील मित्र राजेश…

कुंडली

कुंडली | Kundli

अभि (अभिमन्यु) और प्रिया (सुप्रिया) की प्रेम कहानी वास्तव में एक अद्भुत और सुंदर दास्तान है जो हर किसी के दिल को छू जाती है। उनका प्यार इतना सच्चा और गहरा था कि वह हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था। वे दोनों एक दूसरे के लिए बनें थे। उनका प्रेम एक दूसरे के…

मनोविकार

मनोविकार | Manovikar

शमी, एक हष्ट-पुष्ट नवमीं कक्षा का छात्र था, उसे खाने-पीने का बहुत शौक था । वह होनहार एवं मिलनसार प्रवृत्ति का लड़का था ,परन्तु कुछ दिनों से एकदम शांत और अलग-थलग रहता था । खाने-पीने में कोई रुचि नहीं ले रहा था । उदास मन से स्कूल जाता तथा वापस आने के बाद , पूरे…

Deewar

दीवार | Deewar

विशाल का फोन आया कमल पर कार्यक्रम की आप को पता है आप के घर के पीछे ऊंची दीवार बन गया है, कमल ने कहा कि नहीं मे तो बैंक मे हू। कमल तेजी से घर आता है और पीछे जाकर दीवार देखकर नर्वस हो जाता है और शोच ने लगा कि मेरी रानी कविता…

बता गये आँसू

बता गये आँसू | Bata Gaye Aansu

बता गये आँसू हाले – दिल सब बता गये आँसूजब भी आँखों में आ गये आँसू जब्ते- ग़म करना भी नहीं आसांअपनी फ़ितरत जता गये आँसू दूर तक कैसे चलते खारों परहौसला सब डिगा गये आँसू हमसफ़र जब गले से लग रोयेइक ख़ुशी सी जगा गये आँसू कौन अपना है या पराया हैदुनियादारी सिखा गये…

मुआवजा

मुआवजा

कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में जितनी तबाही मचाई, उतनी तबाही शायद कहीं और नहीं देखी गई। ऑक्सीजन के लिए सड़कों पर तड़पते लोग, अस्पताल में बेड के इंतजार में बैठे मरीज, दवाओं के लिए दर-दर भटकते मरीजों के परिजन। यह कैसी त्रासद स्थिति थी कि संक्रमण में घर के लोग न माथे पर…

मेले में सीखा सबक

मेले में सीखा सबक

आज रोहन ने फिर से अपने पिता राजेश से मेले में जाने की जिद्द की। वह कई दिनों से मेले की बात कर रहा था। राजेश ने कहा, “मेले में बहुत भीड़ होती है, मेरे साथ… मेरे पास, मेरा हाथ पकड़कर रहना।” रोहन ने आश्वासन दिया, “पापा, मैं आपका हाथ पकड़कर रहूंगा। मैं आपको नहीं…

मेहनत का मोल

मेहनत का मोल | लघु कथा

अरूण स्वाभिमानी लड़का था। वह कक्षा‌ में सदैव प्रथम आता था। सब पूछते ” अरूण तुम घर में कितने घंटेपढ़ते हो आखिर रोज ? वह बोलता ” मुझे घर पर समय ही कहां मिलता है।दो गायें और एक भैंस है। उनको सानी पानी देना और फिर घूम घूम कर दूध बेचना आदि में व्यस्त हो…

काल

काल | प्रेरक कहानी

एक मनुष्य शहद बेच रहा था । उसने शहद से भरी उंगली को दीवार से पोछ लिया। दीवार पर शहद लगने की देर थी कि उसकी खुशबू पाकर एक मक्खी उस पर आ बैठी और आंखें बंद करके शहद खाने लगी। अभी शहद खा ही रही थी कि एक छिपकली ने देख लिया कि यह…

eve

साँझ | Sanjh

” आपने मुझे बुलाया, डॉक्टर?”” हाँ, हमने यह कहने के लिए बुलाया कि हम मिस्टर मेहरा को कल सुबह कॉटेज नंबर 13 में शिफ्ट कर रहें है “डॉक्टर शर्मा के शब्दों सुन कर अंतरा के पैर काँपने लगे l उसकी आँखे बंद हों गई l जैसे ही वह गिरने लगी कि डॉक्टर शर्मा ने लपक…