त्रिकालदर्शी बाबा | Kahani Trikaldarshi Baba

त्रिकालदर्शी बाबा | Kahani Trikaldarshi Baba

भारतीय समाज में पाखंड और अंधविश्वास इतना फैला है कि कौन सच्चा कौन झूठा इसका निराकरण करना बड़ा मुश्किल है। ऐसे लोग समाज में अंधविश्वास एवं पाखंड फैलाकर और गर्त में डाल देते हैं। यही कारण है कि भारत में वैज्ञानिक प्रतिभा का विकास नहीं हो पाता है। सुदेश नामक एक बालक समाज से ऐसे…

Kahani Rang

रंग | Kahani Rang

कमर के नीचे मिनी स्कर्ट ,छह इंच ऊँची एड़ी को सेंडिल , कीमती जेवर ,चार इंच पेट दिखाती लाल रंग की टॉप और होठो में सिगार दबाए मोना अपनी शेवरले गाड़ी में धुँए कर छल्ले छोड़ती फर्राटे भरती सडक़ पर दौड़ी जा रही थी कि अचानक उसे गङ्गा बैराज का पुल नजर आया तो देखते…

Kahani Bhooton ka Agent

भूतों का एजेंट | Kahani Bhooton ka Agent

रात्रि का लगभग 9:00 बज रहा होगा। प्रयागराज की एक मजार पर बहुत सी स्त्रियां अभुआ सुसुआ आ रही थी। एक कह रही थी कि -“मैं इसके शरीर को नहीं छोडूंगी। मैं उसकी जान लेकर के रहूंगी। ” खुले बाल कमर को चारों तरफ से नचाती हुई वह सवाल जवाब किए जा रहे थी। वहां…

Kahani Swayamsidha

स्वयंसिद्धा | Kahani Swayamsidha

जीत ने जैसे ही घर का ताला खोल घर मे प्रवेश कदम रखा कि मोहल्ले की औरतों ने भी उसके साथ प्रवेश किया। वे सब उससे उसका हाल चाल पूछ रही थीं और वह बड़े संयत ढंग से उन सभी के प्रश्नों का उत्तर देती जा रही थी। लगभग दो घण्टो के बाद भीड़ छंटनी…

पान | Laghu Katha Paan

पान | Laghu Katha Paan

दोनों ही रोज तालाब से लगे पार्क मे रोज साथ-साथ आते और साथ-साथ ही जाते मगर आज क्या हुआ कि दोनों आऐ तो साथ-साथ मगर गए अलग-अलग। दुर्गेश जी के मन मे ये बात खटक रही थी कि हमेशा खुश रहने और कभी न झगड़ने वाले जोड़े मे आज ऐसा क्या हुआ जो वो इस…

एक प्रेम कहानी

उसने कहा था | एक प्रेम कहानी

बहुत पुरानी बात है 13-14 वर्ष की एक मासूम प्यारी -सी, चुलबुली-सी , हमेशा अपने आप में मस्त रहने वाली लड़की उसका नाम किरण था। किरण के घर के सामने से आम रास्ता था ,उस रास्ते से होकर एक सूरज नाम का लड़का कॉलेज जाया करता था । सूरज को किरण रोज दिख जाया करती…

Abhimanyu kavita

अभिमन्यु | Kahani Abhimanyu

अभिमन्यु को हम अक्सर इसलिए याद किया करते हैं कि उसने मां के गर्भ से ही चक्रव्यूह भेदने की कला सीख ली थी। कहां जाता है कि अभिमन्यु जब मां के गर्भ में ही था तो अर्जुन उसकी मां सुभद्रा को चक्रव्यूह भेदने कि कला का वर्णन कर रहे थे । जब वह चक्रव्यूह में…

Kahani Prem ka Pyasa Bhediya

प्रेम का प्यासा भेड़िया | Kahani Prem ka Pyasa Bhediya

यह संसार प्रेम का भूखा है। दुनिया में दुख इसीलिए बढ़ गए हैं कि कोई किसी को सच्चा प्रेम नहीं करता। प्रेम के नाम पर बस वासना पूर्ति रह गई है। तोता, मैना, बंदर छोटे-छोटे सौम्य स्वभाव के जीव की कौन कहे प्रेम की प्यास तो भयंकर खूंखार जानवरों के हृदयों में भी पायी जाती…

Laghu Katha Vivah

विवाह | Laghu Katha Vivah

विवाह एक धार्मिक पवित्र समाज द्वारा मान्यता प्राप्त बंधन है। इसमें कोई दो मत नहीं ।क्योंकि इससे होती हमारी जातीयता का संरक्षण, पीढ़ी दर पीढ़ी मान्यता मिलना इसलिए तो यह बंधन न्ययोचित है । अगर व्यावहारिक बंधन नहीं होगा तो सृष्टि की नाश हो जाएगी गठजोड़ समाज मिलकर भरे पूरे परिवार समाज के साथ ताकि…

जिस दिन सात फेरे पड़ते हैं | Laghu Katha Saat Phere

जिस दिन सात फेरे पड़ते हैं | Laghu Katha Saat Phere

“बहू, अब रख ले अपने पास यह सभी चाभियां।” कमला ने अपनी बहू सरस्वती से कहा। “मांँ, यह आप क्या कह रही हैं?” सरस्वती ने अपनी आँखों में आँसू भरे हुए स्वर में कहा। और सोचने लगी आज क्या हो गया है माँ को जो मुझे घर की चाभियांँ देने लगी। मैंने तो कभी कुछ…