बहाना जो किया

बहाना जो किया | Bahana jo Kiya

बहाना जो किया ( Bahana jo Kiya ) बहाना जो किया तूने बहुत प्यारा बहाना हैमुझे तेरे बहाने को हकीकत से सजाना है आयी है जब जवानी स्वप्न आयेंगे जवानी केमुझे आगे का जीवन उन्हीं के साथ बिताना है कभी रोड़ा कभी गाली मिलेंगे रास्ते में परसफ़र रोके बिना प्रत्येक अड़चन को हटाना है हे…

दिल से

दिल से | Dil Se

दिल से ( Dil Se ) आप क्या,सबसे बाख़ुदा दिल से।हमने की है सदा वफ़ा दिल से। चैन हम को ज़रूर आएगा।आप दे-दें अगर दवा दिल से। हम पे मरता है या नहीं मरता।पूछ कर देखिए ज़रा दिल से। हम तो रूठे हैं बस मुरव्वत में।आपसे कब हैं हम ख़फ़ा दिल से। अपनी तक़दीर भी…

घर की अदला-बदली

घर की अदला-बदली करके सियासत करने वालों से

घर की अदला-बदली करके सियासत करने वालों से जनता ही लेगी हिसाब, बग़ावत करने वालों से,घर की अदला-बदली करके सियासत करने वालों से। टूटी फूटी, नाली सड़कें, गुस्से में है बच्चा बच्चा,एक महफ़िल ही नाराज़ नहीं, सदारत करने वालों से। कल तक जिनको गाली दी थी कैसे आंख मिलाओगे,पूछ रहा हूं, मैं भी आज, हिमायत…

खून पसीना यार निकलता रहता है

खून पसीना यार निकलता रहता है

खून पसीना यार निकलता रहता है खून पसीना यार निकलता रहता हैपैसों से बाज़ार उछलता रहता है तुमने देखा है जिस उगते सूरज कोहमने देखा वो भी ढ़लता रहता है रोते रहते बच्चे मेरे दाने कोऔर पतीला चूल्हा जलता रहता है जश्न सियासी कूचों में होता रहताबेबस औ मजदूर कुचलता रहता है क्या उम्मीद लगायें…

उनकी चाहत में

उनकी चाहत में | Unki Chahat Mein

उनकी चाहत में ( Unki Chahat Mein ) इश्क़ में जब से वो कबीर हुएउनकी चाहत में हम सग़ीर हुए कोई तुम सा नहीं है जाने जाँइश्क़ में तुम तो यूँ नज़ीर हुए उठ के ताज़ीम अब वो करते हैंजिनकी नज़रों में हम हक़ीर हुए तिश्नगी मेरी बुझ न पाई कभीचाहे कितने ही आब गीर…

अब तो पत्थर का हो चुका हूं मैं

अब तो पत्थर का हो चुका हूं मैं

अब तो पत्थर का हो चुका हूं मैं अपने हिस्से का रो चुका हूं मैं,अब तो पत्थर का हो चुका हूं मैं । बन गयी है लकीर गालों पर,इतनी पलकें भिगो चुका हूं मैं। देर से बात ये समझ आयी,तुमको पहले ही खो चुका हूं मैं। दम यक़ीनन निकल ही जायेगादिल में नश्तर चुभो चुका…

मुझे ये बात | Mujhe ye Baat

मुझे ये बात | Mujhe ye Baat

मुझे ये बात ( Mujhe ye Baat ) मुझे ये बात लोगों ने कही हैगलत है तू मगर फिर भी सही है नयी है और मज़बूत भी परन जाने क्यों इमारत ढह रही है बिना तारीख़ वाली ज़िन्दगी कीकठिन मौखिक परीक्षा आज ही है कुशल तैराक बनकर आज यारोंग़ज़ल शब्दों के सागर में बही है…

तूफान उठाया है

तूफान उठाया है

तूफान उठाया है इस दिल के समुंदर में तूफान उठाया हैमासूम निगाहों ने जब तीर चलाया है वो दिल के दरीचों से नज़दीक लगा इतनाइक पल में उसे हमने हमराज़ बनाया है ताउम्र रहे रौशन दहलीज़ तेरे घर कीयह दीप मुहब्बत का यूँ हमने जलाया है तुमने जो किया दिल को उम्मीद से वाबस्ताइक ताजमहल…

यूं ही रखना सदा ख़याल अपना।

यूं ही रखना सदा ख़याल अपना।

यूं ही रखना सदा ख़याल अपना। दूर जाकर भी ख़ुश जमाल अपना।यूं ही रखना सदा ख़याल अपना। जो भी है आपका ही है वल्लाह।हम को कुछ भी नहीं मलाल अपना। कुछ तो बतलाओ ऐ तबीब-ए-दिल।ह़ाल कैसे हो अब बह़ाल अपना। कौन देखेगा माहो-अन्जुम को।छत पे आ जाए गर हिलाल अपना। ह़ालत-ए-ह़ाल भूल जाओगे।हम दिखा दें…

बड़ी उम्मीद से माँ ने हमारी पाला है

बड़ी उम्मीद से माँ ने हमारी पाला है

बड़ी उम्मीद से माँ ने हमारी पाला है बड़ी उम्मीद से माँ ने हमारी पाला हैखिलाया उसने बड़े प्यार से निवाला है झुकाया शीश है हमने उसी के चरणों मेंहमारे वास्ते अब भी वही शिवाला है जहाँ जहाँ भी बिखरने की आई थी नौबतदुआ ने माँ की हमेशा मुझे सँभाला है किसी के हुस्नो-तबस्सुम का…