ग़ज़ल सम्राट विनय साग़र जी

ग़ज़ल सम्राट विनय साग़र जी

विनय साग़र जी वही उस्ताद हैं मेरे ग़ज़ल लेखक विनय साग़रजिन्हें है जानती दुनिया ग़ज़ल सम्राट साग़र जी हमारी भी ग़ज़ल की तो करें इस्लाह साग़र जीउसी पथ पर सदा चलता करें जो चाह साग़र जी बड़ा अनभिज्ञ हूँ मैं है नहीं कुछ ज्ञान भी मुझकोमगर हर पथ की बतलाते मुझे हैं थाह साग़र जी…

डॉ. कामिनी व्यास रावल की ग़ज़लें | Dr. Kamini Vyas Poetry

डॉ. कामिनी व्यास रावल की ग़ज़लें | Dr. Kamini Vyas Poetry

प्यार के रंग चेहरे पे छाने लगे वो जो दिल के मुहल्ले में आने लगेप्यार के रंग चेहरे पे छाने लगे होली होली है कह कर मेरे हमनवारंग मुझ पर गुलाबी उड़ाने लगे जो हमें रोज छुप -छुप कभी देखतेजाम वो अब नजर के पिलाने लगे नाच गाने लगे है सभी आज तोमौज में ढोल…

सुमन सिंह याशी की ग़ज़लें | Suman Singh Yashi Poetry

सुमन सिंह याशी की ग़ज़लें | Suman Singh Yashi Poetry

नहीं बदलते हैं चुभन से ख़ार से रस्ता नहीं बदलते है Iअज़ा इमान हमारा नहीं बदलते हैं II किसी भी राह अगर चल पड़े तो चलते हैं Iतमाम रंज इरादा नहीं बदलते है II शजर -ए प्यार ओ यकीं सूखता तो सींचेगे।निग़ाह फ़ेर नज़ारा नहीं बदलते है II किसी के वास्ते होंगे न मो’तबर वो…

सीमा पाण्डेय ‘नयन’ की ग़ज़लें

सीमा पाण्डेय ‘नयन’ की ग़ज़लें | Seema Pandey Nayan Poetry

देखिए किस तरह से देखिए किस तरह से पत्थर पिघलते हैं अभी,वो ज़रा सी देर में घर से निकलते हैं अभी। उस शमाॅं से रास्तों में फैलेगी जब रोशनीदेखियेगा कैसे परवाने मचलते हैं अभी। जिससे जिससे हो ख़फ़ा तोड़ी उन्होंने दोस्ती,वो सभी हज़रात ग़म से हाथ मलते हैं अभी। जान ले लेते वो अपना कर…

वैभव असद अकबराबादी की ग़ज़लें | Vaibhav Asad Poetry

वैभव असद अकबराबादी की ग़ज़लें | Vaibhav Asad Poetry

कहने में क्या जाता है क्यों करनी है दर्द बयानी, सहने में क्या जाता हैकैसे हो तुम? मैं तो खुश हूँ! कहने में क्या जाता है इक दिल में अपना घर करना, तब तो उसको इश्क़ कहेंऐसे कितने घर में रह लो, रहने में क्या जाता है संग-दिलों की आँख का कतरा, जज़्बातों का दरिया…

ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र की ग़ज़लें | Zafaruddin Zafar Poetry

ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र की ग़ज़लें | Zafaruddin Zafar Poetry

वो पल नहीं है जिसमें चुनौती नहीं देखी मैंने पोलज सी ज़िन्दगी में परौती नहीं देखी,वो पल नहीं है जिसमें चुनौती नहीं देखी। उसे बढ़िया समझ कर, चुन तो लिया मगर,घोड़े की किसी ने भी कनौती नहीं देखी। वो कहते हैं कि पले हैं सिर्फ चाय बेचकर,कभी साहिबे मसनद ने खतौनी नहीं देखी। सुनार भी…

महेन्द्र सिंह प्रखर की ग़ज़लें

महेन्द्र सिंह प्रखर की ग़ज़लें | Ghazals of Mahendra Singh Prakhar

सादगी क्या चीज है जो पढ़ाते पाठ थे की सादगी क्या चीज हैभूख ने उनको सिखाया बेबसी क्या चीज है बढ़ गई है आदमी में किस कदर हैवानियतखा गये हैं जानवर तो आदमी क्या चीज है हौसलों ने पाल रख़्खा हो जिसे इस दौर मेंपूछियेगा फिर न उससे कीमती क्या चीज है गर्दिशो से उठ…

डाॅ. ममता सिंह की रचनाएँ | Dr. Mamta Singh Poetry

डाॅ. ममता सिंह की रचनाएँ | Dr. Mamta Singh Poetry

जलते हुऐ चराग़ बुझाते हो किसलिए जलते हुऐ चराग़ बुझाते हो किसलिए।तुम इस तरह से मुझको सताते हो किसलिए।। करते नहीं हो फ़िक्र मेरी गर ज़रा भी तुम,ये अश्क़ याद करके बहाते हो किसलिए।। ये तो कहो कि दिल में तुम्हारे है क्या छिपा,यूं नाम मेरा लिख के मिटाते हो किसलिए।। वादा किया था साथ…

विनय साग़र जायसवाल की ग़ज़लें | Vinay Sagar Jaiswal Poetry

विनय साग़र जायसवाल की ग़ज़लें | Vinay Sagar Jaiswal Poetry

 बुत तराशने वाले ख़बर हो तुझको मेरा बुत तराशने वालेखड़े हैं लोग मुझे फिर से मारने वाले मैं उस मुक़ाम पे सदियों खड़ा रहा कैसेजहाँ खड़े थे मेरा सर उतारने वाले इसे ख़ुलूस मैं समझूँ या कोई साज़िश हैमुझी को पूजने आये हैं मारने वाले मैं अपने जिस्म को कुछ तो लिबास दे देताज़रा ठहर…

मीना भट्ट सिद्धार्थ की ग़ज़लें

मीना भट्ट सिद्धार्थ की ग़ज़लें | Meena Bhatt Siddharth Poetry

मज़लूम पे करम कर ज़ालिम हुए हैं मौला ऊँचे मकान वालेमज़लूम पे करम कर ओ आसमान वाले मासूम से ये बच्चे हैं जान वालिदों कीरखना हिफ़ाज़तों से अम्नो-अमान वाले रिज़्क़-ए-हराम से भी परहेज़ अब नहीं हैपकवान फीके रखते ऊँची दुकान वाले नादान चार दिन की होती है क़ामयाबीरख पैर तू ज़मीं पर अपना गुमान वाले…