जब भी कोई कहीं बिखरता है

जब भी कोई कहीं बिखरता है

जब भी कोई कहीं बिखरता है जब भी कोई कहीं बिखरता हैअक़्स माज़ी का खुद उभरता है क्यूँ रखूँ ठीक हूलिया अपनाकौन मेरे लिए संवरता है चाहतें कब छिपी ज़माने मेंक़ल्ब आँखों में आ उतरता है वस्ल में हाले-दिल हुआ ऐसापेड़ झर झर के जब लहरता है बात कर लेना हल नहीं लेकिनजी में कुछ…

बिन तेरे

बिन तेरे | Bin Tere

बिन तेरे बिन तेरे मुझे आज भी जीना नहीं आया।बैरी सा लगे अब तो मुझे अपना ही साया।। कोशिश तो बहुत कर ली  भुलाने की तुम्हें  पर,इक तेरे सिवा दूजा कोई  दिल को न भाया।। कैसे मिले राहत मिरे टूटे हुए दिल को,कोशिश तो  मेरी हो गई जब सारी ही  ज़ाया।। हम आस लिए बैठे…

सीखी है अय्यारी क्या

सीखी है अय्यारी क्या

सीखी है अय्यारी क्या सीखी है अय्यारी क्याइस में है फ़नकारी क्या सब से पंगा लेते होअ़क्ल गई है मारी क्या ऐंठे-ऐंठे फिरते होशायर हो दरबारी क्या लगते हो भारी-भरकमनौकर हो सरकारी क्या जाने की जल्दी में होकरली सब तय्यारी क्या तोपें खींचे फिरते होकरनी है बमबारी क्या सबको धोखा देते होअच्छी है मक्कारी क्या…

बदले की कहानी किसलिए

बदले की कहानी किसलिए

बदले की कहानी किसलिए ( Badle ki Kahani Kisliye ) वक़्त दुहराता है बदले की कहानी किसलिएदिल दुखायें जो वो बातें दिल में लानी किसलिए ज़ुल्म ढ़ाकर मेरे दिल पर रो रहे हैं आप क्यों,मेरे बंजर दिल पे आख़िर मेहरबानी किसलिये । जब मुकम्मल ही नहीं होने ये किस्से इश्क़ केफिर शुरू मैं भी करूँ…

कोई प्यारी लोरी सुनाओ हमें तुम

कोई प्यारी लोरी सुनाओ हमें तुम

कोई प्यारी लोरी सुनाओ हमें तुम चलो थपकी देकर सुलाओ हमें तुमकोई प्यारी लोरी सुनाओ हमें तुम नहीं याद आये कभी माँ की हमकोवो स्वादिष्ट व्यंजन खिलाओ हमें तुम रहें जीते हम बस तुम्हें देखकर हीकभी रूप ऐसा दिखाओ हमें तुम किया प्यार तुमसे यहाँ हमने जितनावही हो सके तो जताओ हमें तुम नहीं रोक…

क्या पता कौन थे कहाँ के थे

क्या पता कौन थे कहाँ के थे

क्या पता कौन थे कहाँ के थे आते जाते जो कारवाँ के थेक्या पता कौन थे कहाँ के थे पंछियों को मुआवज़ा क्यों नइंरहने वाले इसी मकाँ के थे इत्र से कुछ गुरेज यूँ भी हुआफूल वो भी तो गुलसिताँ के थे सब हमेशा रहेगा ऐसे हीसारे झंझट इसी गुमाँ के थे एक रस्ता था…

पयमाना हमारे आगे

पयमाना हमारे आगे

पयमाना हमारे आगे लाइये साग़रो-पयमाना हमारे आगेछोड़िये आप ये शर्माना हमारे आगेहुस्ने-मतला — क्या पियेगा कोई पयमाना हमारे आगेअब भी शर्मिंदा है मयखाना हमारे आगे हमने हर रुख से ज़माने का चलन देखा हैसोच के कहियेगा अफ़साना हमारे आगे रोक क्या पायेंगे राहों के अंधेरे हमकोशम्अ रौशन है फ़कीराना हमारे आगे हम वफ़ादार हैं उल्फ़त…

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं वो सपनों में आकर सताने लगे हैंमेरी धड़कनों को बढ़ाने लगे हैं बनाया था तिनकों से जो आशियानाअदू आके उसको जलाने लगे हैं क़यामत कहीं आ न जाए यहाँ परसितमगर को हम याद आने लगे हैं ज़माने ने ठोकर लगाई है उनकोतभी होश उनके ठिकाने लगे हैं कहीं…

दिल को राहत है इस बहाने से

दिल को राहत है इस बहाने से

दिल को राहत है इस बहाने से तेरी ग़ज़लों को गुनगुनाने सेदिल को राहत है इस बहाने से दिल में कितने ही उठ गये तूफांइक ज़रा उनके मुस्कुराने से लुत्फ़ आने लगा है अब मुझकोनाज़ नखरे तेरे उठाने से प्यार के सिक्के हैं बहुत मुझ पररोज़ लूटा करो खज़ाने से ढह गया है महल उमीदों…

बहुत सुन चुके

बहुत सुन चुके

बहुत सुन चुके बहुत सुन चुके है कि घाटा नहीं हैबहीखाता फिर क्यों दिखाता नहीं है चलो दूर कुछ और भी तुम हमारेअभी प्यार का मुझको नश्शा नहीं है तुम्हारी जुबाँ अब तुम्हें हो मुबारककभी थूक कर हमने चाटा नहीं है न देखो ज़रा तुम मेरी सिम्त मुड़करअभी तक ये दिल मेरा टूटा नहीं है…