बिगाड़ देती है

बिगाड़ देती है | Ghazal Bigaad Deti Hai

बिगाड़ देती है ( Bigaad Deti Hai ) बड़े बड़ों को ये चाहत बिगाड़ देती है ये होशमंदो को दौलत बिगाड़ देती है बढ़ावा दो न शरारत को तुम तो बच्चों की कि उनको बेजा हिमाक़त बिगाड़ देती है तुम्हारे दीद की हसरत हमेशा ही रहती हमें ये वस्ल की आदत बिगाड़ देती है गुज़रता…

जाइए सो जाइए

जाइए सो जाइए | Jayie so Jayie

जाइए सो जाइए ( Jayie so Jayie ) छोड़िए भी अब ज़राफ़त जाइए सो जाइए। हो गयी काफ़ी शरारत जाइए सो जाइए। जानेमन जान-ए-मसर्रत जाइए सो जाइए। बन्द कीजे बाबे उल्फ़त जाइए सो जाइए। नींद सा आराम दुनिया की किसी शय में नहीं नींद है अल्लाह नेअ़मत जाइए सो जाइए। मैं तो पागल हूं न…

Ab ke Mausam

अब के मौसम | Ab ke Mausam

अब के मौसम ( Ab ke mausam ) अब  के  मौसम जो प्यार का आया तुम  पे  फिर दिल बहार का आया वक़्त   फिर  आर-पार  का  आया मसअला  जब   दिवार  का  आया मुब्तिला   थी   मैं  याद   में उसकी जब   इशारा   मुशार    का  आया पेशवाई    करो   जहां    की    तुम इज़्न    फिर   ताजदार  का  आया ये   सबा   कह   रही …

मुझको गुरुदेव का सहारा है | Mujhko Gurudev ka Sahara Hai

मुझको गुरुदेव का सहारा है | Mujhko Gurudev ka Sahara Hai

( 2 )  मुझको गुरुदेव का सहारा है राह में मेरी यूँ उजाला है राह टेढ़ी लगी मुझे जब भी पार गुरुदेव ने उतारा है अब नहीं डर किसी भी दरिया का हमने गुरुदेव को पुकारा है नाम गुरुदेव का लिया जैसे मुझको फिर मिल गया किनारा है नाम उनका लिए बिना अब तो मेरा…

Dard Ke Daur Mein

दर्द के दौर में | Dard Ke Daur Mein

दर्द के दौर में  ( Dard Ke Daur Mein ) मौत थीं सामने ज़िन्दगी चुप रही दर्द के दौर मैं हर खुशी चुप रही जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को बंद आँखें वही मुखबिरी चुप रही दीन ईमान वो बेच खाते रहे जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ…

उसके इज़हार पे | Uske Izahaar Pe

उसके इज़हार पे | Uske Izahaar Pe

उसके इज़हार पे ( Uske Izahaar Pe ) उसके इज़हार पे दो घड़ी चुप रही मुझ पे लाज़िम था मैं लाज़िमी चुप रही लब पे पहरा लगा था तमद्दुन का जो ख़ामुशी ही रही सरकशी चुप रही ज़ुल्म करता रहा ये जहाँ हम पे और हर बशर चुप रहा आश्ती चुप रही साँस थमसी गई…

वो लाजवाब है

वो लाजवाब है | Ghazal Wo Lajawab Hai

वो लाजवाब है ( Wo Lajawab Hai ) जहाने – हुस्न में उस जैसा है शबाब नहीं वो लाजवाब है उसका कोई जवाब नहीं पसंद करते हैं घर के तमाम लोग उसे वो सिर्फ़ मेरा अकेले का इंतिखाब नहीं हाँ एक दूजे से मिलते हैं बेतकल्लुफ़ हम हमारे बीच रहा है कभी हिजाब नहीं जिये…

मुस्कान ढूंढती है

मुस्कान ढूंढती है | Muskan Dhundhati Hai

मुस्कान ढूंढती है ( Muskan Dhundhati Hai ) जो लुट चुका है अब वो सम्मान ढूँढती है । नन्ही कली चमन में मुस्कान ढ़ूढती है । काँटों के वास्ते वो गुलदान ढूँढ़ती है नादान है जहाँ में इन्सान ढूँढती है बेबस है ज़िन्दगी और गर्दिश में भी सितारे अब मौत का वो अपने परवान ढूँढती…

रिवाज़ दुनिया के | Ghazal Rivaaz Duniya Ke

रिवाज़ दुनिया के | Ghazal Rivaaz Duniya Ke

रिवाज़ दुनिया के  ( Rivaaz Duniya Ke ) रिवाज़ दुनिया के इतने सुनों ख़राब नहीं शराब पीता है हर आदमी जनाब नहीं अभी तो दिल पे भी मेरे कोई अज़ाब नहीं । हुई क्या बात जो रुख पे रुका हिज़ाब नहीं । करूँ न ख़ार से मैं दोस्ती कभी यारो पिये मैं रहता हूँ हरदम…

ऐ मुहब्बत | Ghazal Aye Muhabbat

ऐ मुहब्बत | Ghazal Aye Muhabbat

ऐ मुहब्बत ( Aye Muhabbat ) ऐ मुहब्बत ! तिरा जवाब नहीं , तुमने किसको किया खराब नहीं ! हिज़्र, ऑंसू, फ़रेब, मक़्क़ारी, तुझमें शामिल है क्या अज़ाब नहीं ! तेरे कूंचे में ऐ मुहब्बत सुन, खार ही खार हैं गुलाब नहीं । एक धोखा है तेरी रानाई, अस्ल में तुझमें आबो ताब नहीं ।…