बहू निकली है पुखराज | Ghazal Bahu
बहू निकली है पुखराज ( Bahu Nikli Hai Pukhraj ) बज उठ्ठेगी घर -घर में फिर सबके ही शहनाई उधड़े रिश्तों की कर लें गर हम मिलकर तुरपाई जीत लिया है मन सबका उसने अपनी बातों से मेरे बेटे की दुल्हन इस घर में जब से आई घर में बहू की मर्ज़ी के बिन पत्ता…