देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din

देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din

देखा इक दिन ( Dekha ek Din ) आंख दुश्मन की लाल कर रख दी हेकड़ी सब निकाल कर रख दी हाल आलस का ये हमारे है आज की कल पे टाल कर रख दी सच का परचम लगा है लहराने फिर हक़ीक़त निकाल कर रख दी हाथ उसके लगा नहीं कुछ पर सारी पेटी…

बातिलों से जो प्यार रखते हैं

बातिलों से जो प्यार रखते हैं

बातिलों से जो प्यार रखते हैं बातिलों से जो प्यार रखते हैं। ख़ुद को वो सोगवार रखते हैं। इ़शक़ बाज़ी में वो नहीं लुटते। दिल पे जो इख़्तियार रखते हैं। टाल जाते हैं मुस्कुरा कर वो। बात हम बार – बार रखते हैं। सब पे ख़ुशियां लुटाते हैं लेकिन। हम को वो अश्कबार रखते हैं‌।…

तुम्हारा दिल

तुम्हारा दिल | Ghazal Tumhara Dil

तुम्हारा दिल ( Tumhara Dil ) तुम्हारा दिल जो चुरा ले वो सीन थोड़ी है ग़ज़ल हमारी ये ताज़ातरीन थोड़ी है उठाए कैसे तेरे नाज़ ये भी बतला दे हमारे दिल में फ़क़त तू मकीन थोड़ी है कहाँ तलक न लगे उसको बद नज़र सबकी हमारे जैसा वो पर्दानशीन थोड़ी है वो हमको जान से…

हम से | Ghazal Hum Se

हम से | Ghazal Hum Se

हम से ( Hum Se ) मुदावा इस ग़म-ए-दिल का किया जाता नहीं हम से। तुम्हारे बिन किसी सूरत जिया जाता नहीं हम से। दबे लफ़्ज़ों में ले लेते हैं अक्सर ग़मज़दा हो कर। तुम्हारा नाम भी खुल कर लिया जाता नहीं हम से। जो तुम आकर पिलाओ तो ख़ुशी से पी के मर जाएं।…

आप सा कोई नहीं

आप सा कोई नहीं | Aap sa Koi Nahi

आप सा कोई नहीं ( Aap sa Koi Nahi ) बेवफ़ा हैं बावफ़ा कोई नहीं इस जहां में आप सा कोई नहीं वक़्त आया जब बुरा तो यूँ लगा मुझसे जैसे आशना कोई नहीं मौत आयी तो कहा ये ज़ीस्त ने दूसरा तो रास्ता कोई नहीं एक माँ के सारे बच्चे मर गये इससे बढ़…

है डर क्या

है डर क्या | Ghazal Hai Dar Kya

है डर क्या ( Hai Dar Kya ) भला दुनिया से घबरा कर कभी झुकता है ये सर क्या वो अच्छा है तो अच्छा है इसे कहने में है डर क्या । बता दो की रिहाइश मुस्तकिल उसकी है अब ये ही भला नैनो में बस के भी कोई जाता है बाहर क्या। बड़ी मानूस…

कहेगा कौन | Ghazal Kahega Kaun

कहेगा कौन | Ghazal Kahega Kaun

कहेगा कौन ( Kahega Kaun ) ग़ज़ल में क़ाफ़िया उम्दा न शेरों में रवानी है कहेगा कौन तेरी शायरी ये ख़ानदानी है रखी है बाँध के सिर पे वही पगड़ी पुरानी है कहें क्या आपसे ये तो बुज़ुर्गों की निशानी है गया बचपन सुहाना आई है रंगी जवानी ये न जादू की छड़ी कोई न…

चाहने वाले कितने | Ghazal Chahane Wale

चाहने वाले कितने | Ghazal Chahane Wale

चाहने वाले कितने ( Chahane Wale Kitne ) रिन्दो से पूछो न पत्थर हैं उछाले कितने मत गिनो टूटे हैं मय के यहाँ प्याले कितने जोर तूफ़ान का तो शोर कभी लहरों का सीने में ग़म के समंदर है सँभाले कितने कौन सुनता है ग़रीबों की यहाँ पर देखो नज़रें डालो ज़रा पैरों में हैं…

ह़ाजत तुम्हारी

ह़ाजत तुम्हारी | Ghazal Hajat Tumhari

ह़ाजत तुम्हारी ( Hajat Tumhari ) मयस्सर हो गर हमको उल्फ़त तुम्हारी। करेंं हर घड़ी दिल से मिदह़त तुम्हारी। न छूटेगी अब हमसे संगत तुम्हारी। हमें हर क़दम पर है ह़ाजत तुम्हारी। हमारी शिकस्ता सी इस अन्जुमन में। मसर्रत की बाइ़स है शिरकत तुम्हारी। जहां भर की दौलत का हम क्या करें,जब। ख़ुशी दिल को…

जो मुमकिन हो | Ghazal Jo Mumkin ho

जो मुमकिन हो | Ghazal Jo Mumkin ho

जो मुमकिन हो ( Jo Mumkin ho ) मिलो जिनसे कभी, लहजा नरम रखना, जमीं पर तुम सदा अपने कदम रखना ।। बहक जाए नहीं इकदाम इशरत मे, अदावत में ज़रा अपना करम रखना ।। मुलाक़ातों का होगा सिलसिला कायम, मिलें नजरें तो आँखो मे शरम रखना।। बनाकर दूरिया चलना मुहब्बत में, फसाने मे हकीकत…