नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते

नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते

नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगतेखून से लिपटे हमारे नहीं अच्छे लगते कद्र -जो मात- पिता की न किया करते हैंअपने ऐसे भी दुलारे नहीं अच्छे लगते जान लेती हैं हमारी ये अदाएँ तेरीयूँ सर -ए बज़्म इशारे नहीं अच्छे लगते जिनमें ज़हरीले से दाँतों की रिहाइश…

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे यार तू हँसना हसाना छोड़ देलोगो की बातों में आना छोड़ दे इस तरह तू मुस्कराना छोड़ देगम को अपने तू छुपाना छोड़ दे अब न राधा और मीरा है कोईश्याम तू बंशी बजाना छोड़ दे प्यार भी ये इक बला है मान करगीत उल्फ़त के सुनाना छोड़ दे…

Kavita devtaon ki diwali

रौशन करें | Roshan Karen

रौशन करें ( Roshan Karen ) तीरगी में प्यार का ऐसा दिया रौशन करेंहो उजाला जिसका हर सू वो वफ़ा रौशन करें लुत्फ़ आता ही कहाँ है ज़िन्दगी में आजकलमौत आ जाए तो फिर जन्नत को जा रौशन करें मतलबी है ये जहाँ क़ीमत वफ़ा की कुछ नहींहुस्न से कह दो न हरगिज़ अब अदा…

कल रात

कल रात | Kal Raat

कल रात ( Kal Raat ) ज़िन्दगी धूप सी लगी कल रातइस तरह बेबसी दिखी कल रात जिसको देखा नहीं सँवरते मैंवो भी सज-धज के तो मिली कल रात मिलने बेचैन हो गया दिल तोरात भी जो कटी नही कल रात ज़िन्दगी से जिन्हें शिकायत थीखुशियां उनमें मुझे दिखी कल रात ज़िन्दगी भर का साथ…

तमन्न-ए-क़ल्ब

तमन्न-ए-क़ल्ब | Tamanna-e-Qalb

तमन्न-ए-क़ल्ब ( Tamanna-e-Qalb ) हर तमन्न-ए-क़ल्ब मर जाए।वो अगर अ़ह्द से मुकर जाए। और भी आब-जू निखर जाए।वो अगर झील में उतर जाए। वो अगर देख ले नज़र भर कर।सूरत-ए-आईना संवर जाए। क्या करें जान ही नहीं जाती।जान जाए तो दर्द-ए-सर जाए। जेब ख़ाली है ह़ाल बोसीदा।ऐसी ह़ालत में कौन घर जाए। हाथ रख दे…

आसमान छोड़ गये

आसमान छोड़ गये | Aasman Chhod Gaye

आसमान छोड़ गये ( Aasman Chhod Gaye ) 1.ख़मोशियों का फ़कत आसमान छोड़ गयेकिसी की याद के पंछी मचान छोड़ गये2.महक रहा है उसी की महक से तन सारावो दिल दिमाग़ में जो जाफ़रान छोड़ गये3.घड़ी-घड़ी ही ये लगता है आसपास हो तुमदयारे-होश में कैसा गुमान छोड़ गये4.उसी सहारे से मंज़िल पे आ गया मैं…

जगमग जगमग दीप जले है

दीप जलते ही | Deep Jalate Hi

दीप जलते ही ( Deep Jalate Hi ) छुप के बैठी थी कहीं शातिर हवा।दीप जलते ही, हुई हाज़िर हवा। तर्के-मय वाले परेशानी में हैं,बू-ए-मय अब मत उड़ा काफ़िर हवा। यक-ब-यक गुमसुम नदी क्यों हँस पड़ी,मौज से क्या कह गई आख़िर, हवा। क्या ठिकाना कब, कहाँ को चल पड़े,रुख़ बदलने में तो है माहिर हवा।…

Hasrat Shayari

तुम ही मेरी ह़सरत हो | Hasrat Shayari

तुम ही मेरी ह़सरत हो ( Tum hi Meri Hasrat Ho ) तुम ही मेरी ह़सरत हो।तुम ही मेरी चाहत हो। तुम ही हो कशमीर मिरा।तुम ही मेरी जन्नत हो। तुम ही हो मुस्कान मिरी।तुम ही मेरी नख़वत हो। तुम को कैसे भूलूं मैं।तुम ही दिल की राह़त हो। तुम ही हो गुलशन की छब।तुम…

तीर बरसाता है पर नायक नहीं है

तीर बरसाता है पर नायक नहीं है

तीर बरसाता है पर नायक नहीं है तीर बरसाता है पर नायक नहीं हैशायरी करता है संहारक नहीं है अनकहे अध्याय इंसा क्या पढ़ेगाज़िंदगी जीता है संचालक नहीं है वेदना ही वेदना है शायरी मेंवृक्ष यह भी कोई फलदायक नहीं है वो जो दौलत के लिए रिश्ते ही छोड़ेआदमी तो है मगर लायक़ नहीं है…

अब क्या छोडूं

अब क्या छोडूं | Ab Kya Chodu

अब क्या छोडूं ( Ab Kya Chodu ) हॅंसना गाना बाल बनाना छोड़ दिया सब अब क्या छोडूं,दुनिया भर से बैर तुम्हें तो बोलो तो अब दुनिया छोडूॅं। अपनी सब आशाइश प्यारी सारे शौक अभी तक ज़िंदामुझसे है उम्मीद मगर ये हर ख्वाहिश हर सपना छोड़ूॅं। भॅंवरा सिफ़त तबीयत लेकर हर गुलशन में जाते लेकिन,चाह…