Patriotism Poem in Hindi

वतनपरस्ती | Patriotism Poem in Hindi

वतनपरस्ती ( Watan parasti )   इश्क,आशिकी,महोब्बत , जुनूं , तुझसा ही वतन, वतन सा ही है तू…. कहाँ वो अमन, कहाँ मिले सुकूं न सरहदों के इधर , न सरहदों से दूर…. आज़ाद हुये मगर गुलाम अभी तलक बात मज़हबों की , इंसानियत से दूर…. खून तो खौलता है, बहता भी है खून मगर…

Intezaar Shayari in Hindi

इंतजार तेरा हरदम करते | Intezaar Shayari in Hindi

इंतजार तेरा हरदम करते ( Intezaar tera hardam karte )    इंतजार हरदम करेंगे, चाहेंगे तुझे कयामत तक। तू खुशियों की बारिश है, तू चेहरे की है चमक। प्रेम के गीतों में तुझको, हम सजायेंगे संवारेंगे। आजा हंसी वादियां पुकारे, दिल से तुझे पुकारेंगे। नयनों में तेरा ठिकाना, अधरो पे तेरा नाम है। दिल की…

देश से | Desh se

देश से | Desh se

देश से ( Desh se )    हर अदू भागते ही रहे देश से जुल्म का हर निशाँ ही मिटे देश से लौट आये वो अपने वतन भारत में दूर परदेश में ही गये देश से प्यार के फूल हर घर खिले ऐ लोगों नफ़रतों के कांटे ही जले देश से हो न मासूम पर…

Dil ki Shayari

दिल को | Dil ki Shayari

दिल को ( Dil ko )   बे -इंतहा, बे – हिसाब, बे – पनाह, बे- पायान प्यार है ‘ गर दिल को बे – इंतहा, बे – हिसाब, बे- पनाह, बे -पायान दर्द भी होता है उस दिल को..   लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें :- अलसायी कलम |…

Fikr Jahan ki

फ़िक्र जहां की | Fikr Jahan ki

फ़िक्र जहां की! ( Fikr jahan ki )    बेवजह दिल दुखाना मुनासिब नहीं, जग में नफरत बढ़ाना मुनासिब नहीं। फूल खिलते रहें सारी दुनिया में यूँ, बैठी तितली उड़ाना मुनासिब नहीं। धरती नभ से मिले ये तो मुमकिन नहीं, तोड़ ढूँढों नहीं, ये मुनासिब नहीं। कोई कुदरत के हक़ को मिटाने लगे, फ़िक्र हो…

Ik Pal

इक पल | Ik Pal

इक पल ( Ik pal )    वक्त के गुबार से निकला हुआ अधूरे अधजले ख्वाबों की खाक में लिपटा हुआ वो इक ‘पल’ रूबरू आ गया हो जैसे… खुद ही उसकी राख उतार खारे पानी से धो संवारकर संजोकर संभाल कर उस इक ‘पल’ को अब कई बार जी जाना है मुझे   लेखिका…

Rumani Shayari in Hindi

होते हो तुम ही | Rumani Shayari in Hindi

होते हो तुम ही ( Hote ho tum hi )      इक फुहार में इस बयार में बदलते मौसम में इस छम्म छम्म मे होते हो तुम ही देते इक सिहरन सी दिल से निकलते लफ्ज़ों में एहसास में हर आसार में होते हो तुम ही तासीर लिए मेरे मिजाज की तल्ख से अंदाज़…

Dil ke Mai - Kade

तालमेल का नाम जिन्दगी | Talmel ka Nam Zindagi

तालमेल का नाम जिन्दगी ( Talmel ka Nam Zindagi )    तू मेरी नज़्म ही सही पर आया तो करो, आकर मेरे ख्वाबों को सताया तो करो। इसी तालमेल का नाम है जिन्दगी महबूबा, मेरी तन्हाइयों में आग लगाया तो करो। बे -जमीरों के झाँसे में कभी आना नहीं, ऐसे गैरतों से खुद को बचाया…

Ab ki Barsaat

अब की बरसात | Ab ki Barsaat

अब की …. बरसात ( Ab ki …. Barsaat )   सुना शहर तेरे में जम के कुछ  यूं बरसात हुई मेरे आने से तेरे दिल की ज़मीं क्यों सहरा ना हुई   जलन कुछ इस तरह की ले आया  था सीने में मैं पत्थर मोम से पिघले मगर क्यों चश्म ए नम ना हुई…

उसका सितम इनायत से कम नहीं

उसका सितम इनायत से कम नहीं | Sitam

उसका सितम इनायत से कम नहीं! ( Uska sitam inayat se kam nahin )    सैकड़ों तीर उसे चलाना आ गया, जैसे मेरे घर मयखाना आ गया। बढ़ती जब तलब आती है मेरे घर, उसको भी दिल लगाना आ गया। छोटे – सी थी अब हो गई है बड़ी, वादा उसे भी निभाना आ गया।…