Poem mujhko koi fikar nahi hai

मुझको कोई फ़िक्र नहीं है | Poem mujhko koi fikar nahi hai

मुझको कोई फ़िक्र नहीं है ( Mujhko koi fikar nahi hai )     मुझको कोई फ़िक्र नहीं है , रंजो गम से दूर हूँ नींदें  भी  हैं  कनीज  मेरी , मैं मस्ती में चूर हूँ   देखके मुझको , दुनिया वाले , हौले से मुस्काते हैं राज नहीं मैं जान सका , बदनाम हूँ…

Poem chod do ladna

छोड़ दो लड़ना | Poem chod do ladna

छोड़ दो लड़ना ( Chod do ladna )   गोलियां पत्थर चले है देखो  ऐसे बेपनाह हो गये है नाम पर महजब के दंगे बेपनाह   मासूमों के जिस्म पर थे जालिमों के ही नशा दिल्ली की हर गली में दर्द छलका बेपनाह   कौन जाने क्या यहाँ होगा भला अब ऐ लोगों घूम  रहे…

Dosti shayari

वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को | Dosti shayari

वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को ! ( Wafa se nibhata raha dosti ko )     वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को ! बहुत ही उसी ने छला दोस्ती को   वफ़ा करते करते जफ़ा सह गये है मगर क्या मिला है सिला दोस्ती को   सलामत रहे ये हमेशा वफ़ा से दे ऐसी…

Ghazal roz badalta hai insaan

रोज़ बदलता है इंसान | Ghazal roz badalta hai insaan

रोज़ बदलता है इंसान  ( Roz badalta hai insaan )   रोज़ बदलता है इंसान भी हालात के साथ जैसे कि बदलते हो दिन कोई रात के साथ।   कर ली है भूल, कर गुज़रे थे हम भी इश्क़ अब कि बार हम रहेंगे भी तो हयात के साथ।   वैसे भी दोस्त अक़्ल से…

Ghazal dard ke chehre

दर्द के चेहरे पे भी उल्लास बन | Ghazal dard ke chehre

दर्द के चेहरे पे भी उल्लास बन ( Dard ke chehre pe bhi ullas ban )     दर्द  के  चेहरे  पे  भी  उल्लास बन ! बन अगर सकता है तो विश्वास बन !!   मन झुलसते अपरिचय के ग्रीष्म में चाहतों का इक नया मधुमास बन !!   जगत के निश्वास सारे शान्त कर…

Ghazal zindagi meri

जिंदगी मेरी अकेले कट रही है | Ghazal zindagi meri akele kat rahi hai

जिंदगी मेरी अकेले कट रही है  ( Zindagi meri akele kat rahi hai )     जिंदगी मेरी अकेले कट रही है ! भेज कोई तो ख़ुदाया अब परी है   तोड़कर वादे वफ़ा सब प्यार के वो भर गया है वो निगाहों में नमी है   इसलिए हल काम कोई भी न होता के…

Ghazal yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai

यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है | Ghazal yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai

यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है ! ( Yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai )   यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है ! न  कोई  बची  गांव  की वो गली है   हुई बात ऐसी यहाँ कल अपनों में यहाँ गोलियां ख़ूब देखो चली है   मिले दोस्ती का भला हाथ कैसे…

Ghazal mausam gulabi kahan hai

मौसम गुलाबी कहाँ है | Ghazal mausam gulabi kahan hai

मौसम गुलाबी कहाँ है ( Mausam gulabi kahan hai )   मुहब्बत ऐ मौसम गुलाबी कहाँ है! मेरे पास उसकी निशानी कहाँ है   उसी का यहाँ नाम बदनाम यूं ही वही दोस्त देखो शराबी कहाँ है   क्यों परदेश जाकर मुझे भूल बैठे कि चिट्टी वो आयी तुम्हारी कहाँ है   सहे ख़ूब ग़म…

Ghazal chehare ke peechhe chehara hai

चेहरे के पीछे चेहरा है | Ghazal chehare ke peechhe chehara hai

चेहरे के पीछे चेहरा है ( Chehare ke peechhe chehara hai )   वो राज़ बहुत ही गहरा है चेहरे  के  पीछे चेहरा है।   आंखें उसकी काली काली बालों का रंग सुनहरा है।   हुस्न कयामत है उसका जो देखे वो ही ठहरा है।   दीदार की दी है छूट मुझे मिलने पे लगाया…

Ghazal Dil kisi ki

दिल किसी की | Ghazal Dil Kisi Ki

दिल किसी की  ( Dil kisi ki  )     दिल किसी की बहुत आरजू कर रहा रात दिन दिल यही गुफ़्तगू कर रहा   वो नजर आता मुझको नहीं है मगर हर गली में उसे जुस्तजू कर रहा   फूल जिसको दिया प्यार का रोज़ है और दिल रोज़ अपना अदू कर रहा  …