चांद मुक्तक 

चांद | Chand par muktak

चांद मुक्तक 

( Chand Muktak )

 

चांद तारे बिछा देंगे हम राह में
कुछ नया कर दिखा देंगे चाह में
आओ मिलों हमसे मुस्कुरा कर
गगन छू लेंगे हम आपकी पनाह में

 

बस जाओ मेरे दिल में,
चमका दो किस्मत का तारा।
महका दो जीवन की बगिया,
खिला दो पुष्प ये प्यारा।

 

आपके आगमन से लगता,
उतर गया चांद धरती पर।
अमर नवगीत हो जाए,
मशहूर तराना ये हमारा।

 

खिला सा चांद लगता है,
वो नूर सा चेहरा।
सात जन्मों का बना रिश्ता,
उर में भाव भरा सुनहरा।

 

महकाया है चमन को हमने,
खुशबूओं की मानिंद की भांति।
दिल में बसने वाले प्रियतम का,
होता मधुर प्यार बहुत गहरा।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

प्यार सबको जोड़ता है | Kavita

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *