Parvarish Par Muktak
Parvarish Par Muktak

परवरिश

( Parvarish )

 

पालते लाड प्यार से, ममता दुलार से।
खुशियों बहार से, मीठी पुचकार से।
रखे औलाद को, दुनिया में मां बाप।
आंखों का तारा हमे, दिलों के तार से।

शिक्षा संस्कार से, अपनापन प्यार से।
रिश्तो में प्रेम घोले, मधुर व्यवहार से।
चलना सिखाते हैं, जीवन की राहों पे।
मंजिलें दिखाते वो, ज्ञान के भंडार से।

मुस्कानों के मोती से, मधुरम फुहार से।
जीना सिखाते हमे, जीवन के सार से।
ठंडी छांव शीतलता, मुश्किलों तूफां में।
सर पर हाथ रख देते, मां बाप प्यार से।

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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