चंदन | Chandan par Chhand
चंदन
( Chandan )
प्रभु को अर्पण करें, मस्तक तिलक करें।
चंदन की खुशबू से, जग महकाइये।
रज धुली कण कण, पावन माटी चंदन।
मातृभूमि वीर धरा, मस्तक नवाइये।
चंदन बन महके, खुशियां हो घर द्वार।
प्यार भरे बोल मीठे, तराने सुनाइये।
रंग गुलाल लगाए, चंदन तिलक भाल।
रंगीला त्योहार होली, खुशी से मनाइये।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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