कोरोना काल में हो रहे सब मोटे | Corona kal par kavita
कोरोना काल में हो रहे सब मोटे !
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कोरोना काल में बिगड़ी है आदत,
बढ़ी है तला भुना खाने की चाहत।
छुट्टियों जैसे सब खाना खा रहे हैं,
रोग-प्रतिरोधक क्षमता गंवा रहे हैं।
कैलोरी की खपत बढ़ी है,
वायरस से लड़ने की क्षमता घटी है।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने-
इसका खुलासा किया है,
दुष्परिणामों के प्रति हमें चेताया है।
कोरोना काल में-
लोग फास्टफूड और डिब्बा बंद खाना खा रहे हैं,
खाना पकाने से जी चुरा रहे हैं;
वर्कफ्राम होम और आलस के चलते-
जैसे तैसे खाना खा रहे है ।
होटलों की टेकअवे सर्विस भी इसकी वजह है,
लोग आॅडर कर मंगा रहे बेवजह हैं।
बाह्य भोजन खा खाकर वजन बढ़ा रहे हैं,
कई बीमारियों को घर बुला रहे हैं।
बढ़ते वजन को भी अनदेखा कर रहे हैं,
चिंतित भी नहीं हो रहे हैं-
अब हृदररोग, मधुमेह व स्ट्रोक बढ़ना तय है,
लोगों में जरा नहीं इसका भय है।
वजन बढ़ने से-
प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर पड़ रहा है,
सार्स-कोव-2 से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है।
ऐ लोगों!
समय रहते करो हस्तक्षेप-
वरना देर हो जायेगी,
फिर आधुनिकतम स्वास्थ्य सेवाएं भी
काम नहीं आयेंगी।
बीमारियां जब घर कर जायेंगी,
तो तुझे काल के गाल में ही समाएगी
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
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