Damru Wala

डमरू वाला है दातार | Damru Wala

डमरू वाला है दातार

( Damru wala hai datar )

 

ऊंचे पर्वत बैठे शिवशंकर सारी दुनिया के करतार।
गले सर्प की माला सोहे शिव की शक्ति अपार।
डमरू वाला है दातार

नीलकंठ महादेव भोले बहती जटा से गंगधारा।
हाथों में त्रिशूल धारे तांडव नृत्य नटराज प्यारा।
डम डम डमरू बाजे जपो हर हर महादेव ओमकार।
सबके कष्ट हरे भंडारी सदाशिव लीला अपरम्पार।
डमरू वाला है दातार

महेश्वर महादेव हमारे शिव भोले नीलकंठ कहलाए।
कलकल बहती गंगा धारा शिव शंकर सबको भाए।
बाघाम्बर धारी परमेश्वर त्रिशूलधारी बाबा निरंकार।
अगम अगोचर अविनाशी सबका करते बेड़ा पार।
डमरू वाला है दातार

 

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

मैं संघर्षों की डगर पे रहता हूं | Sangharsh ki Dagar

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *