दीवार | Deewar
विशाल का फोन आया कमल पर कार्यक्रम की आप को पता है आप के घर के पीछे ऊंची दीवार बन गया है, कमल ने कहा कि नहीं मे तो बैंक मे हू।
कमल तेजी से घर आता है और पीछे जाकर दीवार देखकर नर्वस हो जाता है और शोच ने लगा कि मेरी रानी कविता के दर्शन केसे होंगे? उसे कुछ चीज़ देना है तो केसे से सकते हैं ।
कमल काम कर रहे मजदूरों को धमकाया और पूछा कि क्यु दीवार बना रहे हैं? अब आगे मत बढ़ाना किन्तु दीवार इतना बढ़ गया कि ऊपर की छत से दो फिट का ही अन्तर रह गया था।
कमल कविता को देख नहीं सकता है या उसे कुछ दे नहीं सकता है,
शाम को जब परेश कमल का बेटा घर आता है तब चिल्लाते हुए कहा कि तुम्हें जानकारी किसने दिया था उसका मोबाइल फोन नंबर दीजिए।
कमल अपने मित्र को बीच में लाना नहीं चाहता था इस लिए नाम या फिर नंबर नहीं दिया
परेश सरकारी अधिकारि है उस ने बहुत बिना किसी के नाम गालियां बोलने लगा जेसे कोई अनपढ़ इंसान शराब पीकर गालियां देता है ।
अब कमल ने अपनी कविता को मेसेज दिया किन्तु कविता घबरा गई थी उसने कमल को कुछ प्रत्युत्तर दिया
कमल कविता से बहुत ही प्यार करते हैं और कविता कमल से भी.
आज भी इस दीवार तिहार जेल जेसी लगती है।
कविता और कमल आज एक दूसरे को देख नहीं सकते हैं,
कमल बहुत प्रयत्न किए के किन्तु कविता अब भी घबरा रहा है और कोई प्रत्युत्तर दें नहीं रही ।
डॉ गुलाब चंद पटेल
अध्यक्ष भारत माता अभिनंदन संगठन गुजरात
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धन्यवाद यू