धन्वंतरि जयंती | Dhanvantari jayanti kavita
धन्वंतरि जयंती
( Dhanvantari jayanti )
आरोग्य ओज मेघा शक्ति का
आयुर्वेद रखवाला है
धनवंतरी की देन है
स्वदेशी जड़ी-बूटी खजाना है
कब्ज गैस बदहजमी का
रामबाण इलाज करें
तेज बल पौरूष चाहो तो
च्यवन ऋषि को याद करें
संत सूरों से भरी वसुंधरा
औषध सब उपचार करें
आयुर्वेद उत्तम चिकित्सा
चरक संहिता ध्यान धरे
संजीवनी बूटी की महिमा
मृत को जीवित कर देती
ब्राह्मी औषध ऐसी है
जो चित को ठंडक देती
नाड़ी स्वास्थ्य गति का गणित
आयुर्वेद में भरा पड़ा
योग ध्यान का ज्ञान भरा है
वैदिक खजाना खूब पड़ा
आयुर्वेद चिकित्सा जनक
धन्वन्तरी जी को सादर वंदन
पुरातन संस्कृति अपनी
अपनी मिट्टी है चंदन
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )