दिल फिदा यूं हुआ देखते देखते | Ghazal
दिल फिदा यूं हुआ देखते देखते
( Dil fida yun hua dekhte dekhte )
दिल फ़िदा यूं हुआ देखते देखते !
बन गया आशना बोलते बोलते
चाहता हूँ बने उम्रभर अब मेरा
थक गया हूँ उसे सोचते सोचते
प्यार का सिलसिला चल पड़ा
नफ़रत की दीवारे तोड़ते तोड़ते
बस गया शहर में उसके मैं उम्रभर
शहर उसका मगर छोड़ते छोड़ते
हो गया है वादे प्यार इजहार का
आज उसको ही घर रोकते रोकते
बन गया हूँ पराया उसी से मगर
देखो उससे रिश्ता जोड़ते जोड़ते
ऐसी आँखें लड़ी उस हंसी से आज़म
हो गया प्यार मुंह मोड़ते मोड़ते