
दिल वाले दिल के
( Dilwale dil ke )
लोग मिले हैं काले दिल के
किसने देखे छाले दिल के ?
देखें तेरे दिल में क्या है ?
खोल कभी तो ताले दिल के
सोचा तुझको हरदम अपना
अरमाँ यूँ भी पाले दिल के
मक्कारों की इस दुनिया में
हम हैं भोले भाले दिल के
बरसों की ये नफ़रत भूलो
साफ़ करो अब जाले दिल के
औरों ने बस ज़ख़्म दिये हैं
सिर्फ़ तुम्ही रखवाले दिल के
बेचैनी,उलझन,चाहत,दुख
समझेंगे दिल वाले दिल के
याद किया बस हर पल तुझको
ख़तरे यूँ भी टाले दिल के
हर सीने में है इक पत्थर
पड़े हुए हैं लाले दिल के
अच्छे अच्छे शे’र हुए हैं
फूट गये हैं छाले दिल के
हर पल मस्ती में जीते हैं
हम तो हैं मतवाले दिल के
तेरी यादें मिटी न फिर भी
टुकड़े भी कर डाले दिल के
बिल्कुल राजाओं जैसे हैं
नख़रे भी इस साले दिल के
ग़ज़लों में ही ‘अहद’ हमेशा
हमने अरमाँ ढाले दिल के !
शायर: :– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129
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