उमंग ( Umang ) भारतवर्ष हमारा है विकसित, सभ्यता,संन्कृति भी है उन्नत, षटॠतुऔं का होता आवाजाही हर ॠतु में आते पर्व,वर्चस्व,माही।। फाल्गुन पूर्णिमा में होली तौहार रंग,गुलाल का बासंती विहार, नाना उमंग का होता आप्लावन नई नवेली बधु के लिए,रास,धन।। संयोगी के लिए खास है परव, नानाविध पकवान का लुत्फ, इष्ट,मित्र मंड़ल संग होली,राम उमंग…
मैं हूँ दीपक एक बदनाम सा जलता सदा तम से जंग के लियेरात बढ़ती रही बात गढ़ती रहीजिंदगानी कटी रोशनी के लिएइस कदर यूँ ना हमसे नफरत करोहम भी परछाई है इस वतन के लिएसत्य की परख असत्य की हर खनकजलाती बुझाती रही नई रोशनी के लिएअज्ञानी हूँ सोचता समझता भी नहीदिल मचलता सदा अंतिमजन…
नमो नमो मोदी हरे ( Namo Namo Modi Hare ) नमो नमो स्वर लहरी से, जनमानस झूम रहा। राम मय हुआ राष्ट्र, जन जन भक्ति में घूम रहा। दिल्ली दिल जनता का, अब मोदी दरबार बना। अखिल भारती भूमंडल में, सब खुशियां रहे मना। सिंहासन पे शेर देश का, लाल किले…
बिटिया, खुश रहना ससुराल ( Bitiya, khush rahna sasural ) बिटिया खुश रहना ससुराल रहना सदा सुखी खुशहाल खुशियों से झोली भर जाए सुख आनंद सदा तू पाये महके जीवन दमके भाल बिटिया खुश रहना ससुराल प्रेम की जोत जलाते रहना भाव मधुर फैलाते रहना नेह की खुशबू महक उठेगी सपने नये सजाते…
बेटियॉं ( Betiyan ) पढ़ रही हैं बेटियॉं, बढ़ रहीं हैं बेटियॉं। रोज नये कीर्तिमान, गढ़ रहीं हैं बेटियॉं। बेटियॉं नहीं दुख की, नीर भरी बदरी है, बेटियॉं नहीं कोई, आफ़त की गगरी है। बेटियॉं श्रृंगार और,सृजन की गठरी है, ऊंची-ऊंची सीढ़ियां,चढ़ रहीं हैं बेटियॉं। …
यह वक्त भी बीत जाएगा ( Yah waqt bhi beet jayega ) कुदरत की यह अद्भुत लीला, रात गई तब दिन आएगा। चीर अंधेरा रवि निकलेगा, यह वक्त भी बीत जाएगा।। जन्म मरण का खेल रचा है, जो आता है सो जाता है। कर्मों के अनुसार जीव सब, किया कर्म ही भुगताता है। राजा…