दोस्ती ( सखा ) प्रेम

अक्सर जब दोस्ती की बात आती है तो हम जय वीरू,कृष्ण और सुदामा का नाम लेते हैं। दोनों के काल अलग हैं और दोस्ती के रिश्ते में अंतर भी है। परंतु दोस्ती क्या केवल एक लड़के & लड़के या लड़की & लड़की से ही हो सकती है।

मेरा व्यक्तिगत विचार है ऐसा नहीं है। हालांकि कुछ लोगों के अनुसार एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते हैं। परन्तु ऐसा होता तो कृष्ण और द्रोपदी का नाम भी नहीं आता। जो हमारे आराध्य, पूज्य हैं उनकी भी परम् प्रिय मित्र द्रोपदी भी एक नारी ही थी।

फिर लोग ये किस आधार पर बोलते हैं कि एक लड़का और एक लड़की दोस्त नहीं हो सकते हैं। मेरा तो मानना है यदि मन के भाव पवित्र हैं तो दोस्ती प्रेम से भी गहरी हो सकती है।

श्रीकृष्ण और द्रोपदी का सखा प्रेम हमें ये सीख देता है रिश्ता अगर पवित्रता और दिल से निभाया जाए तो कोई भी रिश्ता गलत नहीं होता। एक लड़का और एक लड़की भी अच्छे दोस्त हो सकते हैं।

वो भी एक दूसरे के हर मुश्किल वक्त में साथ दे सकते हैं जैसे  कृष्ण जी को उंगली कटने पर द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़ कर उन्हे बांधा था। ये उनका सखा प्रेम ही था जिसका भाव परम पवित्र था। लेकिन वर्तमान में कुछ लोगों के लिए प्रेम के नाम पर केवल gf और bf वाला रिश्ता ही नज़र आता है।

लेकिन अगर आप भौतिकता से ऊपर उठोगे तो शायद आपको भी श्री कृष्ण और द्रोपदी का सखा प्रेम समझ आएगा। आज ऐसे बहुत से लोग होते भी हैं जो दोस्त और दोस्ती को जान से भी बढ़कर मान देते हैं।

कहते भी हैं कि दोस्ती हमेशा प्रेम से ऊपर होती है। क्योंकि जब प्रेम रुलाता है तो दोस्ती ही आंसू पोंछती है। दोनों अलग अलग रिश्ते हैं। अगर दिल की गहराईयों से देखोगे तो समझ आएगा दोस्ती वाले प्रेम और gf bf वाले प्रेम में जमीन आसमान का अंतर होता है। सच्ची दोस्ती लिंग आधारित नहीं होती दिल से होती और निभाई जाती है।
इसी विचार के साथ प्रेम से बोलिए राधे राधे
हर हर महादेव

“अंजलि श्रीवास्तव अनु “
महमूदाबाद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश )

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