डा. तरुण राय ‘कागा’ जी
डा. तरुण राय ‘कागा’ जी
रेतीले धोरों की माटी का सच्चा सपूत,
कला-साहित्य का जो रखे अद्भुत रूप।
चौहटन की धरती से उठाया परचम,
डा. तरुण राय ‘कागा’, नाम हुआ अमरतम।
कभी कविताओं में बहाए भावनाओं के रंग,
कभी विधायक बन सजाए जनता के संग।
साहित्य से राजनीति तक सफर किया विशाल,
हर क्षेत्र में दिखी आपकी अद्वितीय मिसाल।
कलम से उकेरे जो दर्द और संवेदनाएं,
उनमें झलके इंसानियत की गहरी परछाइयां।
रेगिस्तान के गीतों में बसते जो स्वर,
‘कागा’ ने रचा हर शब्द जैसे अमृत का घर।
चौहटन की माटी का जो किया उत्थान,
आपके योगदान से रोशन हुआ राजस्थान।
डा. बी.एल. सैनी का यही है अभिमान,
‘कागा’ जैसा रत्न मिले हर इंसान।
डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर (सीकर) राजस्थान
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