
ए सनम कर ले मुहब्बत की बातें !
( E sanam kar le mohabbat ki baatein )
ए सनम कर ले मुहब्बत की बातें!
तू नहीं कर ऐसी नफ़रत की बातें
दोस्ती की छोड़ी रवानी कल उसने
हो रही अब तो अदावत की बातें
क्या हुआ ऐसा उसे अब देखिए
अब नहीं करता मुहब्बत की बातें
भर लो पैमाने आंखों में लज्जा के
मत कर तू यूं ही नजाकत की बातें
कुछ नहीं रक्खा गिले सिकवो सनम
आ करें हम दोनों उल्फ़त की बातें
तू मुझे जब भूल गया अपनें दिल से
भूल गया आज़म तेरे ख़त की बातें