ओ भारति माॅं! ओ प्यारी माॅं! | Geet
ओ भारति माॅं! ओ प्यारी माॅं!
( O Bharati maan O pyari maan )
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
हम तुझ पर हैं बलिहारी माॅं!
तू हमको सब से प्यारी माॅं !!
हम तेरा पूजन करते हैं , हे करुणामयि उपकारी माॅं !!
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
हम तेरा पूजन करते हैं, हम तेरा आरती गाते हैं
हे माता ! हम मिल कर तेरे,चरणों में शीश झुकाते हैं
तेरी सेवा , तेरी रक्षा , का हर इक वचन निभाते हैं
हम सारे जग में भारत जन,कह कर ही जाने जाते हैं
हम तेरे पुत्रों का माता !, है और नहीं कोईं परिचय
हम भारत हैं इस नामऔर,सम्मानों के अधिकारी माॅं !!
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
माता ! तेरी पावन रज से,हमको जीवन आधार मिला
तेरे पावन अपनेपन से,पोषित अनुपम विस्तार मिला
तेरी ममता के आंचल से , पाया साॅंसों का सरमाया
सुख तृप्तिऔरआनंदों,का उसमें मधुरिम संसार मिला
तेरी गोदी से अधिक नहीं, माता ! जग में ऐश्वर्य कोई
है स्वर्ग यहीं तेरी भू पर , जो तूने है संचारी माॅं !!
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
तेरे जल,भूमि,हवाओं ने, हमको अद्भुत आकार मिला
साहस,पौरुष,संकल्पऔर,क्षमताबलबुद्धिअपार मिला
दी मेधा,दृष्टि,ज्ञान,क्षमता, हर श्रेष्ठ नीति संस्कार दिया
हमको धरतीपर सर्वोत्तम,जीवन का हैअधिकार मिला
तेरे आशीषों से अजेय , रण कौशल हमने पाया है
तूने वे क्षमताऍं हममें, जल थल नभ में विस्तारी माॅं !!
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
परतंत्र बनाने आये जो, हमने उनको निस्तंत्र किया
तुझसे ही पाकर ऊर्जाऍं,था खुद को पूर्ण स्वतंत्र किया
मां ! तेरी सतत प्रेरणा पा, फौलाद बनचुके हम सब
अब हमने अपना यह भारत, है सर्वश्रेष्ठ गणतंत्र किया
तुझपर पावन विश्वासों का, यह भारत नाम रहा ऊॅंचा
जगती में श्रेष्ठ कहाने के, हैं हमसब ही अधिकारी माॅं !!
ओ भारति माॅं ! ओ प्यारी माॅं !!
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )