Geet Pyaar ka Bandhan

प्यार का बंधन | Geet Pyaar ka Bandhan

प्यार का बंधन

( Pyaar ka bandhan ) 

 

दो दिलों के तार जुड़े हैं, धड़कनों की कहानी है।
प्यार का बंधन सुहाना, इश्क मोहब्बत रवानी है।
प्यार का बंधन सुहाना

नैनों में चमक आ जाती, दिल को करार प्यारा।
मुस्कान लब छा जाती, प्यार की बहती धारा।
मन की वादियां महकी, वो प्रेम के अनुरागी है।
प्यार का बंधन प्यारा, किस्मत वाले वो भागी है।
प्यार का बंधन सुहाना

दिलवालों की महफिल है दिलों के जुड़े तार सभी
दिलों तक दस्तक देती, प्रेम प्यार की झंकार तभी।
प्रेम की इन गलियों में, दीवानगी सी छा जाती है।
इकतारा हाथों में ले, मीरा प्रेम दीवानी आगी है।
प्यार का बंधन सुहाना

दुख दर्द प्रेम समझते, होती दिल से दिल की बातें।
आहट से वो सहम जाते, दूरी ना कभी सह पाते।
इक दूजे की खुशी मांगते, प्यार भरी जिंदगानी है।
जिसने जीना सीख लिया, प्रेम की गंगा बहानी है।
प्यार का बंधन सुहाना

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

प्रतिभा ईश्वर प्रदत्त होती है | Pratibha par Kavita

 

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *