Holi Geet
Holi Geet

होली गीत

( Holi Geet )

 

सुनों राधा होली में

करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।

उसकी सुरतिया पे जान मेरा अटका,
नन्द -यशोदा का नटखट वो लड़का।
सीधी नहीं उसकी है चाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

मुरली-मनोहर की बात निराली,
देवकी ने जाया,यशोदा है पाली।
तन-मन उड़ाएगा गुलाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

डुबायेंगे रंग में उसे पारा -पारी,
नहीं चुप बैठेगा बाँके- बिहारी।
अरे! हम भी तो होंगे निहाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

कहीं अगर छिपा तो छिपने न देंगें,
उस अविनाशी से बदला हम लेंगे।
हम भी तो होंगे मलामाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

गोविन्द-गोपाल घट -घट का बसिया,
घर -घर चुराता है माखन वो रसिया।
थोड़ा- थोड़ा होगा बावाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

सुनो -सुनो देखो वो बृज का उजाला,
काम, क्रोध, मद की जलायेंगे ज्वाला।
मचाएगा वो भी धमाल,
सुनों राधा होली में।
लहंगा जरा तू संभाल,
सुनों राधा होली में।
करना न कृष्ण से सवाल,
सुनों राधा होली में।

रामकेश एम यादव (कवि, साहित्यकार)
( मुंबई )

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