वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया | Gham shayari
वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया!
( Wo gamon ki zindagi ko hi kahani de gaya )
वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया!
तोड़ कर दिल वो दग़ा की ही निशानी दें देगा
फ़ूल तो देकर मुहब्बत का गया मुझको नहीं
तल्ख़ लहजे की मुझे वो बदज़ुबानी दें गया
वो सगाई का सगुन वाफ़िस देकर मेरा उसनें
वो निगाहों में अश्को का आज पानी दें गया
दिल हुआ बेताब उसको ही बनाने को अपना
प्यार की ऐसी निगाहों से वो रवानी दें गया
जा चुका वादा मुहब्बत का मुझसे वो तोड़कर
जिंदगी भर के लिए वो सरगिरानी दें गया
दी जिसे आज़म वफ़ा दिल से हमेशा ही मैंनें
जिंदगी में वो दग़ा की मेहरबानी दें गया
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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