आप की याद | Ghazal Aap ki Yaad
आप की याद
( Aap ki Yaad )
शादमानी का एक लशकर है।
आप की याद सब से बेहतर है।
दिल ही मिट जाएगा मिटाएं तो।
आप का नाम दिल के अन्दर है।
किसकी किससे मिसाल दें बोलो।
एक से एक जग में बरतर है।
मोह लेता है आन में दिल को।
आप का ह़ुस्न है या मन्तर है।
सब भिखारी हैं आप के दर के।
आप सा कौन बन्दा परवर है।
रतजगा सा है दिल की बस्ती में।
रूबरू जब से मेरा दिलबर है।
उसको कब है शऊ़र पीने का।
जिसके हाथों में औंधा साग़र है।
वो तो मिलना ही है यक़ीं रखिए।
जो फ़राज़ आप का मुक़द्दर है।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
पीपलसानवी