मुझको पसंद करते हैं लाखों हजार लोग
मुझको पसंद करते हैं लाखों हजार लोग
मुझको पसंद करते हैं लाखों हजार लोग ।
अब वाह-वाह करके लुटाते हैं प्यार लोग ।।
सुनकर ग़ज़ल पसंद उसे कर रहे सभी ।
मेरी नई ग़ज़ल का करें इंतजार लोग ।।
कुछ ख़ास लोग याद रखेंगे मुझे सदा ।
गिनती में कम-से-कम वो रहेंगे हजार लोग ।।
इक उम्र दी गुज़ार यही सोचते हुए ।
क्यों बात को इधर से उधर करते चार लोग ।।
दुनिया को बात कौन-सी अच्छी नहीं लगी ।
ये सोचते रहेंगे सदा बेशुमार लोग ।।
जीवन खुशी-खुशी ही सदा जीना चाहिए ।
हँसते हुए मिलेंगे सभी शानदार लोग ।।
घाटा नहीं कभी हो सकेगा उन्हें बशर ।
करते सही निवेश सदा होशियार लोग ।।
विकास अग्रवाल “बिंदल”
( भोपाल )