Aazma ke Dekh liya
Aazma ke Dekh liya

आज़मा के देख लिया

( Aazma ke dekh liya ) 

 

ख़ुदा बना के तुझे, सर झुका के देख लिया
अना को ताक पे रख, सब भुला के देख लिया

हुस्न ए मतला
बड़े ख़ुलूस से उनको बुला के देख लिया
हरेक नाज़ भी उनका उठा के देख लिया

जुनून तोड़ चुका दम, वफा निभाने का
तमाम रस्मे वफा को निभा के देख लिया

किसी तरह भी तेरा घर नहीं हुआ रौशन
बुझे चराग को फिर से जला के देख लिया

दुआ कुबूल तो होती नहीं फकीरों की
हरेक दर्द का किस्सा सुना के देख लिया

वो सब्ज़ बाग दिखा कर के दिल लुभाता है
कि दिल फरेब से दिल को लगा के देख लिया

वो आइना न कभी सच का अब दिखायेगा
हजार बार उसे आज़मा के देख लिया

सवी तलाश है हमको भी जांनिसारों की
हमारे देश ने सब कुछ गवा के देख लिया

 

सवीना सवी

( अम्बाला )

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