साथ तेरा अग़र मिला होता

Romantic Ghazal | साथ तेरा अग़र मिला होता

साथ तेरा अग़र मिला होता

( Sath Tera Agar Mila Hota )

 

साथ  तेरा  अग़र  मिला  होता।
अपना जीवन भी ये ज़ुदा होता।।

 

झेल पाते खुशी से हर इक ग़म।
ज़ख्म दिल का नहीं हरा होता।।

 

कोई  मुश्किल ठहर नहीं पाती।
फिर न तक़दीर से गिला होता।।

 

जिंदगानी हंसी- खुशी कटती।
दर्द दिल में नहीं दबा होता।।

 

हर  बुरा  वक़्त बीतता पल में।
साथ मिल के अग़र सहा होता।।

 

फिर नहीं होती जिंदगी तन्हा।
प्यार का ये नहीं सिला होता।।

 

दिल लगाते नहीं कभी हरग़िज।
तेरी फ़ितरत का ग़र पता होता।।

 

?

कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(M A. M.Phil. B.Ed.)
हिंदी लेक्चरर ,
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

यह भी पढ़ें : 

Ghazal | बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *