यूं न झटकों नक़ाब से पानी
( Yoon na jhatko naqab se pani )
यूं न झटकों नक़ाब से पानी
हुस्ने जानम शबाब से पानी
जीस्त बेकार कर देगी तेरी
है ये अच्छा शराब से पानी
प्यार की महकी है यहाँ खुशबू
टप रहा वो गुलाब से पानी
ले आया है वो चाय पीने को
मांगा था बस ज़नाब से पानी
रो उठी है तहरीर यादों की
बह रहा है किताब से पानी
आंखें जो देखती थी नफ़रत से
इश्क़े टपके हिजाब से पानी
प्यार की बारिशें नहीं आज़म
पीना ये तू हिसाब से पानी