![Gulabi Gulabi](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2024/02/Gulabi-696x464.jpg)
गुलाबी
( Gulabi )
आई बेला मिलन की
आप और गुलाबी हो गए
पहले ही थे नैना मतवाले
अब और शराबी हो गए
झूम उठी है अमराई
यौवन ने ली है अंगड़ाई
अधरों पर छाई लाली
गाल गुलाबी हो गए
उठकर गिरती पलकेँ भी
भर आई हैं मादकता में
छूते केश कपोलों को
तुम और सिंदूरी हो गए
कोई कहता दिन गुलाबी
कोई कहता इस रोज डे
दूं क्या तुमको प्राण प्रिये
तुम और नवाबी हो गए
देता हूं ताज हृदय का तुमको
तुम इसकी धड़कन बन जाओ
महक गुलाबों की भर दूँ
तुम और रसीली हो गये
आई मिलन की बेला
तुम और गुलाबी हो गये
( मुंबई )