गुरु गोविंद सिंह जी | Guru Gobind Singh Ji
गुरु गोविंद सिंह जी
खालसा पंथ की स्थापना करने वाले,
महान योद्धा, चिंतक देश के रखवाले।
पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी संवत् 1723 ,
धरा की रक्षा के लिए अवतरित होने वाले।।
अन्याय,अपराध के खिलाफ लड़ने वाले,
युद्ध में मुगलों के छक्के छुड़ाने वाले।
धर्म की रक्षा के लिए सरबंसदानी बने,
कलगीधर,दशमेश की उपाधि पाने वाले।।
पिता गुरु तेग बहादुर माता गुजरी नाम,
देश की रक्षा करना मर्यादा में रखना काम।
चक्क नानकी पहाड़ी पर आकर बसे थे,
वर्ण,रंग,जाति,धर्म मिटाना था इनका धाम।।
बादशाहत खत्म देखकर नवाब बहुत घबराए,
नवाब वाजित खां ने दो पठान पीछे लगाएं।
7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़ में गुरु जी को,
नवाब वाजित खां ने था धोखे से मरवाए।।

प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी
गोंडा,उत्तर प्रदेश
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