Hamari Bharat Mata
Hamari Bharat Mata

हमारी भारत माता

( Hamari bharat mata )

 

हे भारत माता कैसे करें तुम्हारा यश गान,
विश्व धरा पर चहुं ओर है तुम्हारी कीर्ति और सम्मान।

गंगा मईया से सिंचित भूमि पर जब फसलें लहराती हैं,
देखकर इनको कृषकों के चेहरे पर खुशियां छा जाती हैं।

संस्कारों और संसाधनों से परिपूर्ण है मेरा भारत देश,
गौतम और महात्मा देते पूरे संसार को शांति का संदेश।

सीता की अमिट त्यागकथा हो या फिर मीरा की भक्ति,
ये सब दिखलाते भारत की महान नारी की शक्ति।

इंदिराजी जैसी महान नारी हो या वीरांगना झांसी की रानी,
इनकी अनुपम गाथा बड़े बड़े सूरमाओं को पीला देती है पानी।

आजाद, भगतसिंह जैसे सपूतों ने अपना खून बहाया था,
तब जाकर उन्होंने ऐ मातृभूमि तुम को मुक्त कराया था।

हिमालय के ऊंचे शिखरों पर भी हमने तिरंगा फहराया है,
कितनी बार ही देश के दुश्मनों को यहां धूल चटाया है।

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैली है ये शौर्य गाथा,
भारत मां की रक्षा खातिर कितने ही सोए संगीन पे रखकर माथा।

अनेकता में एकता यहां का सबसे बड़ा कीर्तिमान,
सदियों से कई धर्मों और जातियों का है ये निवास स्थान।

होली दीवाली हो या ईद सब मिलजुलकर मनाते हैं,
विश्व पटल पर भारत के संस्कारों को सब मानते हैं।

जिस मातृभूमि के आंचल में पलकर हम सारे सुख पाते हैं,
ऐसी महान भारत माता के चरणों पर हम सब शीश नवाते हैं।।

 

रचनाकार –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )

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