जन्मदिन हो मुबारक लालू जी
( Janamdin ho mubarak laloo ji )
दबे -कुचलों के लिए काम करते हैं लालू,
इसी काम के लिए जाने जाते हैं लालू।
जितना दबाते हैं उनके विरोधी मित्र,
उतना ही उभरकर वो चमकते हैं लालू।
टूटे सपनों को वो जोड़ते आए सदा से,
सुनहरे सपनों की उड़ान भरते हैं लालू।
उस सूरज की तपिस से जलते न जाने कितने,
मानवता की राह पे सदा चलते हैं लालू।
क़ायम रहे राष्ट्र की एकता और अखंडता,
जान हथेली पर ले के चलते हैं लालू।
आकाश -सी छाती चौड़ी है उनकी देखो,
बुनियादी बातों को सदा उठाते हैं लालू।
जन्मदिन हो मुबारक हमारी तरफ से उन्हें,
दीर्घायु रखे ईश्वर, खुशहाल रहें लालू।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),
मुंबई