कैसे हो | Hasya Ras ki Kavita
कैसे हो
( Kaise ho )
दांत में दर्द हो रहा बेशुमार
चला गया डॉक्टर के द्वार
इलाज करवाना है पैसे दो
उखाड़े दांत बोला कैसे हो
परीक्षा पेपर मिला तेजतर्रार
परीक्षक भी मिला होशियार
हल हो पाए प्रश्न जैसे तैसे दो
बाहर से टीचर बोला कैसे हो
शादी बड़ी धूमधाम से मन रही थी
बारात दूल्हे के पीछे चल रही थी
फेरों से उठ जब दुल्हन भागी तो
बाराती ने दूल्हे से पूछा कैसे हो
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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