Hey Bhagwan Bhojpuri Kavita
Hey Bhagwan Bhojpuri Kavita

ताक द हम पे हे भगवान

( Taak da hum pe hey Bhagwan ) 

 

अब उब गईल बानी इ जिंदगी से
कहवा बा तोहर ध्यान
हम अग्यानी, मुरख, बेचारा
ताक द हम पे हे भगवान

हर जगह बा तोहर ठिकाना
हम में बसल बा तोहर प्राण
तोहर इसारा बिना ना हिले
तिनका तिनका न कवनवो समान

तू हव सबके मलिक
सब जग करे तोहके प्रणाम
फिर तू कlहे रूठल बारऽ हमसे
जिंदगी पा सहतानी अपमान

अब आउर ना तू देर करऽ
टुट रहल बा सीमा के बांध
हाथ जोड़ हम मांगतानी माफि
जवन भी कईले बानी हम अपराध

का भूल भईल ना हम जनतानी
कुछ बोल या करऽ उद्धार
पाप आऊर पुन्न के लेखा जोखा कर
माफ कर हमके हे भगवान

 

कवि उदय शंकर “प्रसाद”
पूर्व सहायक प्रोफेसर (फ्रेंच विभाग), तमिलनाडु
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