हिन्दी बोलें हिन्दी पढ़ें
हिन्दी बोलें हिन्दी पढ़ें
तहजीब हमारी है हिंदी
तस्वीर हमारी है हिंदी
हर हिंदुस्तानी के रग रग में,
बहती जो धार वो है हिंदी।
संस्कृत से संचित है हिंदी,
हर जन में बसती है हिंदी,
हिन्दी का क्या मैं गुड़गान करूं,
हर भाषा से प्यारी है हिन्दी।
कवियों की भाषा में हिन्दी,
शुक्ल की आशा है हिन्दी,
हिन्दी पढ़कर मिलता है रस,
भावों की अभिव्यक्ति है हिन्दी।
गांवों की मिट्टी में हिन्दी,
चिट्ठी की भाषा है हिन्दी,
चीनी जापानी, अरबी,उर्दू में,
है सबसे सरल अपनी हिन्दी।
चलो हिन्दी का खूब प्रचार करें,
इससे भी हम सब प्यार करें,
हर जुबां पे हो हिन्दी हिन्दी,
हर हिंदुस्तानी बोले हिन्दी।
“अंजलि श्रीवास्तव अनु “
महमूदाबाद सीतापुर उत्तर प्रदेश।
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