लड़की हुई है धीरे से कहने वालों | Hindi Poem Ladki
लड़की हुई है धीरे से कहने वालों
( Ladki hui hai dhire se kahne walon )
अब हमें पहचानो गाॅंवो शहरों में रहने वालों,
कम नही है हम किसी से सिर ऊॅंचा उठालो।
लड़की हुई है, इस तरह धीरे से कहने वालों,
देख लो परिणाम हमारा बेटियो को पढ़ालो।।
ऊॅंच-नीच के भेदभाव से अपनें को जगालो,
जात-पात की यह दीवारे नीचे अब गिरालो।
लिंग भेद न करों ये बात सबको समझा लो,
बच्चा बच्ची समान समझें ये बात बिठा लो।।
गाॅंव गली ढाणी-ढाणी ये अभियान चलालो,
बेटी-बचाए, बेटी-पढ़ाए बात गांठ बांध लो।
अंधकार मे न गिराओ अंध कुरीति मिटालो,
सोचों-समझो करो समीक्षा मानस बना लो।।
देख लो टीवी समाचार अखबार भी पढ़ लो,
आज इस आधुनिकयुग में सभी समझ लो।
है मानव का निर्माण बेटी अब यह जान लो,
कन्या भ्रूण हत्या वालो का अब संज्ञान लो।।
अब सभी रुढ़िवादी परम्पराओं को हटा लो,
उन्नति की धारा को मानव-हित में जोड़ लो।
आरएएस आईएएस बोर्ड परिणाम देख लो,
इन शुभ रत्नों को पढ़ाई की तरफ़ मौड़ लो।।