Hindi poetry
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सच का पता आसान नहीं है

( Sach ka pata aasan nahin hai )

 

तूफां से भिड़ना पड़ता है आंधी से लड़ना पड़ता है
उर हौसला दुर्गम पथ पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता है

 

नदी नाले कंटक राहों का पथिक कहो ज्ञान नहीं है
सत्य की राह चलना सच का पथ आसान नहीं है

 

मुश्किलें बाधाओं से हमें हिम्मत से टकराना होगा
कभी भंवर में अटकी नैया मांझी पार लगाना होगा

 

झूठ कपट स्वार्थ का भी शायद ये अनुमान नहीं है
स्वार्थ भरी दुनिया में सच का पथ आसान नहीं है

 

जो हिमालय बने बैठे जाने किस मद का अभिमान
शील  सादगी  विनय  भूल औरों का करते अपमान

 

समय सदा ना रहे एकसा कहो शायद भान नहीं है
संघर्षों से लड़ते रहना सच का पथ आसान नहीं है

 

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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