प्यारी होली | Holi poetry
होली
( Holi )
रंगों से फिर भीगी होली
उल्फ़त लेकर आयी होली
सब मिल जुलकर जिसको खेलें
वो ही यारो प्यारी होली
झूम उठे हैं दिल खुशियों से
जब भी देखो आती होली
आओ मिल ले इस होली में
किसने देखी अगली होली
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
है लोगों ये सबकी होली
दूर हुए हैं बैर दिलों के
खुशियां आज़म लायी होली