होना है जो होकर रहता
होना है जो होकर रहता
होना है जो होकर रहता।
सारा अनुभव ही ये कहता।।
आज नहीं तो कल मिलना है।
फल कर्मों का मिल के रहता।।
बदनामी से बचकर रहना।
नेक- बशर की जग में महता।।
आखिर उसके दिन बदले है।
तकलीफें जो हँस कर सहता।।
हरपल सबको देख रहा है।
वो जो सबके भीतर रहता।।
खोट कोई न पाते उनमें।
कारज उसके सारे दहता।।
(दहता=नियमानुसार)
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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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