वो दुश्मन वाली बात न कर
वो दुश्मन वाली बात न कर

वो दुश्मन वाली बात न कर

( Wo dushman wali baat na kar )

 

 

वो दुश्मन वाली बात न कर।

तू छुप-छुपके यूं घात न कर।।

 

नफ़रत दूर हटा सब दिल से।

जँग जैसे हालात न कर।।

 

टूटा – फूटा दिल है मेरा।

तू भी इस पर आघात न कर।।

 

दिल में ग़र खुश रहना है तो।

चालाकी यूं दिन-रात न कर।।

 

छौंङ बदलना रंग कभी तो।

यूं गिरगिट को भी मात न कर।।

 

नीयत को रख साफ हमेशा।

कुछ पाने को मुलाकात न कर।।

 

रख अपना ग़म अपने दिल में।

‘यूं आंसू की बरसात न कर ।।

 

 

कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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