वो दुश्मन वाली बात न कर | Hate Shayari Hindi
वो दुश्मन वाली बात न कर
( Wo dushman wali baat na kar )
वो दुश्मन वाली बात न कर।
तू छुप-छुपके यूं घात न कर।।
नफ़रत दूर हटा सब दिल से।
जँग जैसे हालात न कर।।
टूटा – फूटा दिल है मेरा।
तू भी इस पर आघात न कर।।
दिल में ग़र खुश रहना है तो।
चालाकी यूं दिन-रात न कर।।
छौंङ बदलना रंग कभी तो।
यूं गिरगिट को भी मात न कर।।
नीयत को रख साफ हमेशा।
कुछ पाने को मुलाकात न कर।।
रख अपना ग़म अपने दिल में।
‘यूं आंसू की बरसात न कर ।।