Ghazal || हुंकार का दिल
हुंकार का दिल
( Hunkaar Ka Dil )
मूंगफली के दाने सा, छोटा सा दिल है मेरा।
उसपर भी ना सम्हाला तुझसे,ला दिल वापस मेरा।
कोई कही तो होगा जिसको, मेरा दिल प्यार होगा,
लाखों मे कही एक है होता, ऐसा दिल है मेरा।
छोटा सा है चिप के जैसा,जिसकी मेमोरी अब्बल है।
सुर्ख रंग से ऐसा लगता, जैसे काश्मीर का एप्पल है।
छोटा सा ये दिल है मेरा, जिसमें प्यार है भरा हुआ,
धडकन इसकी बतलाती ये,प्यार का ऐसा सिम्बल है।
तुमसे ना सम्हला पर इसके, लाखों चाहने वाले है।
कुछ खामोश लबों से कहते, कुछ बेचैन निगाहें है।
आज नही तो कल हुंकार के,दिल की कीमत समझोगे,
मूंगफली के जैसा है पर, दिल मे राज हजारो है।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
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